नई दिल्ली. देश के लिए गोला-बारूद से लेकर टैंक और तोप बनाने वाली ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के कॉरपोरेटाइजेशन के बाद राजनाथ सिंह आज यानि दशहरा के दिन ओएफबी की सात अलग-अलग कंपनियों का शुभारंभ करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दशहरा के मौके पर शस्त्र-पूजा के साथ ही इन ‌सातों कंपनियों को लॉन्च करेंगे. ओएफबी की कुल 41 फैक्ट्रियां और 70 हजार कर्मचारी हैं, जो अब एक बोर्ड की बजाए सात कंपनियों यानि डिफेंस-पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट) से जुड़े होंगे.

सभी 41 फैक्ट्रियों को सात कंपनियों में बांटा गया है, वे हैं यानि गोला-बारूद से जुड़ी म्यूनेशन इंडिया लिमिटेड, राइफल, मशीनगन, तोप इत्यादि हथियार से जुड़ी एडवांस वैपन एंड इक्युपमेंट लिमिटेड, टैंक, बीएमपी और ट्रक से जुड़ी आर्मर्ड व्हीकल्स ('अवनी'), सैनिकों की यूनिफॉर्म और टेंट इत्यादि से जुड़ी ट्रूप कम्फर्ट लिमिटेड, ओप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी ऑपटिक्ल लिमिटेड, पैराशूट ग्रुप और एनसेलेरी-ग्रुप से जुड़ी यंत्र सि‌स्टम और लिडर्स इंडिया लिमिटेड.

'ओएफबी की काम करने के तरीके में आएगा बदलाव'

रक्षा मंत्रालय की माने तो कॉर्पोरेटाइजेशन से ओएफबी की काम करने के तरीके में बदलाव आएगा. इस कदम के बाद कंपनियों को काम करने की स्वायत्ता मिलने के साथ साथ काम करने में दक्षता और जवाबहेदी भी तय होगी. मंत्रालय की ओर से उठाए गए इस कदम से ओएफबी का उत्पादन बढ़ सकता है और कंपनी ज्यादा मुनाफा देगी. वहीं सरकार के इस कदम से मार्केट में कॉम्पीटिशन भी देखने को मिल सकता है.

केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेटाइजेशन को मंजूरी देने के बाद ओएफबी के सभी 70 हजार सिविल-डिफेंस कर्मचारियों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि किसी की भी छंटनी नहीं की जाएगी. सभी 41 फैक्ट्रियों में काम करने वाले ए,बी और सी ग्रुप के कर्माचरियों को दो साल के लिए इन कॉर्पोरेट कंपनियों में डेप्यूटेशन पर भेजा जाएगा.

बता दें कि जब सरकार ने कॉर्पोरेटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की थी तो ओएफबी की सभी फैक्ट्रियां हड़ताल पर चली गई थी. लेकिन सरकार की ओर से भरोसा मिलने के बाद काम करना शुरू कर दिया था.

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