दरअसल, सत्तारूढ़ माकपा की यूथ विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) ने स्क्रीनिंग का आयोजन किया था और बीजेपी इसके पुरजोर विरोध में थी. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्क्रीनिंग स्थल तक मार्च किया और जब पुलिस ने उन्हें रोक तो उन्होंने बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की. पुलिक को कई राउंड पानी की बौछारें चलानी पड़ीं. कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए लेकिन विरोध के बावजूद स्क्रीनिंग जारी रही.
कांग्रेस भी करेगी डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग
59 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर इसलिए इतना विवाद गहराता जा रहा है क्योंकि यह 2002 के गुजरात दंगों के बारे में है. भारत सरकार ने सोशल मीडिया और वीडियो-शेयरिंग कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्लेटफॉर्म से डॉक्यूमेंट्री या उसके लिंक को हटा दें. सरकार का आरोप है कि इस डॉक्यूमेंट्री में निष्पक्षता की कमी है. इसे गलत तरीके से दिखाया गया है.
JNU में भी डॉक्यूमेंट्री को लेकर बवाल
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भी मंगलवार (25 जनवरी) को देर रात लेफ्ट छात्र संगठनों ने काफी हंगामा किया. इस दौरान लेफ्ट और एबीवीपी आमने सामने आ गए थे और दोनों में बड़ी देर तक तकरार होती रही. इसके अलावा हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी इसकी स्क्रीनिंग कराई गई थी.
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