नई दिल्ली. कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 3 लाख के पार पहुंच चुकी है. वहीं अब तक साढ़े आठ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस के संक्रमण ने अब देश में रफ्तार पकड़ ली है. हर रोज औसतन 10 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि ये तो बस अभी शुरुआत है और आने वाले दिन और भी मुश्किल भरे हो सकते हैं. कई रिसर्च और स्टडी में दावा किया जा रहा है कि जुलाई और अगस्त में मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हो सकता है.
'कोरोना से लड़ने के लिए तैयार रहें'
इस बीच समाचार एजेंसी एफपी से बातचीत करते हुए दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर देवन जुनेजा ने कहा कि कोरोना के मुश्किल दौर के लिए हर किसी को तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा, 'कोरोना के मामले कब पीक पर पहुंचेंगे ये फिलहाल हम नहीं कह सकते. हम सब अच्छे की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन मानसिक और शारीरिक तौर पर हम कोरोना से लड़ने के लिए तैयार हैं.' डॉक्टर जुनेजा के मुताबिक हाल के दिनों में मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है और बेड की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है. ऐसे में उनपर दवाब जरूर बढ़ा है, लेकिन मुश्किल दौर में वे एक दूसरे का हौसला बढ़ रहे हैं.
'हमें भी लगता है डर'
दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में एम्बुलेंस से लगातार कोरोना के मरीजों को लाया जा रहा है. यहां के 20 परसेंट बेड कोरोना के मरीजो के लिए रिजर्व कर दिए गए हैं. यहां की एक नर्स ज्योति ईस्टर का कहना है कि उन्हें भी थोड़ा डर लगता है, क्योंकि पता नहीं कोरोना वारयरस उन पर कहां से और कब हमला कर दे. डॉक्टर और नर्स के लिए पीपीई किट पहनकर काम करना भी बेहद मुश्किल चुनौती है. यहां की एक नर्स विनीता ठाकुर का कहना है कि गर्मी के इस मौसम में लंबे वक्त तक इस किट को पहनने के लिए आपको मानसिक और शारीरिक ताकत की जरूरत है.
'मेरे लिए भगवान हैं डॉक्टर'
एफपी से बातचीत करते हुए एक मरीज भुपिंदर शर्मा ने बताया कि कोरोना के इस मुश्किल दौर में डॉक्टर और नर्स किसी भागवान से कम नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'किसी मरीज को इलाज के दौरान डॉक्टर और नर्स अपनी जान को जोखिम में डाल देते हैं. इससे और बड़ा काम क्या हो सकता है.' बता दें कि दिल्ली और मुंबई के हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों को बेड मिलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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