न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मंच से भारत के विकास की कहानी बयां की। उन्होंने भारत के विकास व इसकी उपलब्धियों को दुनिया के लिए प्रेरणा के रूप में पेश किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत की विकास गाथा पूरी दुनिया के गरीबों में विश्वास पैदा करने और दुनिया को एक नई आशा देने का काम करती है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी का भाषण विकास और शांति पर पर केंद्रित रहा वहीं इमरान खान का भाषण इस्लाम, युद्ध और कश्मीर पर केंद्रित रहा।
पीएम मोदी ने कहा, 'विकास के प्रयास हमारे हैं, लेकिन इसका फल सभी के लिए है, संपूर्ण विश्व के लिए है।' मोदी ने कहा, 'हमारा प्रयास सारे संसार के लिए है। जब मैं उन देशों के बारे में सोचता हूं कि जो भारत की तरह ही प्रयास कर रहे हैं, तो हमारा विश्वास और दृढ़ हो जाता है' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने दुनिया को 'बुद्ध' दिया है न कि 'युद्ध'। मोदी ने कहा कि हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया से आतंक के खिलाफ एकजुट होने का भी आग्रह किया। मोदी ने कहा, 'हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि सभी देशों और मानव जाति के लिए एक चुनौती है। इसलिए मानव हित के लिए दुनिया को आतंक के खिलाफ एकजुट होना होगा।' उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को अलग-अलग दृष्टि से आतंक को नहीं देखना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष पूरा विश्व महत्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, सत्य और अहिंसा का उनका संदेश आज भी विश्व के लिए प्रासंगिक है।उन्होंने कहा, 'इस वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ, दुनिया के सबसे लोकतंत्र के लोगों ने सबसे ज्यादा वोट देकर मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा बड़ा जनादेश दिया।'
उन्होंने कहा, दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान भारत में संपन्न हुआ। एक विकासशील देश ने सिर्फ 5 वर्ष में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय तैयार कर अपने लोगों को दिया। अगले 5 साल में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। भारत के दूर-दराज के इलाकों में सवा लाख किलोमीटर सड़कें हम बनाने जा रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'भारत हजारों वर्ष पुरानी महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। जनभागीदारी से जनकल्याण हमारा प्राण तत्व है। हमने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है, साथ-साथ आक्रोश की भी है। आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ।'
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