महाराष्ट्र के दुकानों में सुप्रीम कोर्ट ने 'मराठी साइनबोर्ड' लगाने का आदेश दिया है. इस फैसले का मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने स्वागत किया है.



 सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई समेत राज्य के ट्रेड एसोसिएशन को दो महीने के अंदर दुकानों पर मराठी साइनबोर्ड लगाने का आदेश दिया है. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया है. राज ठाकरे ने कहा कि 'मराठी पाट्या' के मुद्दे पर पिछले कई वर्षों से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संघर्ष को आज के फैसले से पहचान मिली है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि दुकानदार परेशानी में न पड़ें और कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और यहां की सरकार देखेगी और कार्रवाई करेगी, लेकिन यह मत भूलिए कि मेरे महाराष्ट्र के सैनिक भी देख रहे होंगे. 

राज ठाकरे ने कही ये बात
राज ठाकरे ने 'X' पर लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने साफ फैसला दिया कि अगले 2 महीने के अंदर महाराष्ट्र में दुकानों और प्रतिष्ठानों पर मराठी बोर्ड लगाए जाएं. पिछले कई वर्षों से 'मराठी पाट्या' के मुद्दे पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संघर्ष को आज के फैसले से पहचान मिली है. मूलतः जब इतना सरल नियम है कि जिस राज्य की भाषा हो, उसी भाषा में दुकानों और प्रतिष्ठानों पर संकेत होना चाहिए, तो मुट्ठीभर व्यापारी इसका विरोध कर इस लड़ाई को अदालत तक क्यों ले गए?'

ठाकरे ने आगे कहा, 'यदि आप महाराष्ट्र में हैं, यदि आप मराठी में हैं, यदि आप अन्य राज्यों में हैं, तो उस स्थान पर उस भाषा के बोर्ड लगाने या उस भाषा का सम्मान करने में क्या आपत्ति है? यदि आप व्यवसाय के लिए महाराष्ट्र आते हैं, तो आपको यहां की भाषा का सम्मान करना चाहिए. वैसे भी मेरे महाराष्ट्र के सिपाहियों ने इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ी, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर मुट्ठी भर व्यापारियों पर तमाचा जड़ दिया है. महाराष्ट्र में हर दुकान और प्रतिष्ठान को बोल्ड मराठी साइनबोर्ड की जरूरत है और अब इसे देखना नगर निगम प्रशासन और कुछ हद तक पुलिस प्रशासन का काम है.'

ठाकरे ने आगे चेतावनी देते हुए कहा, 'दुकानदार किसी झांसे में न आएं और कोर्ट के फैसले का सम्मान करें. मेरे महाराष्ट्र के सैनिकों की वजह से 'मराठी पात्या' के प्रति जागरूकता आई, इसके लिए आपको हार्दिक बधाई. आपको सतर्क रहना होगा और आगे रहना होगा.'

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