कल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 17 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारंगे ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. इसके बाद मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है.
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे ने गुरुवार को अपने विरोध के 17वें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया, जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे मुलाकात की और आश्वासन दिया कि सरकार मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम शिंदे अपने कुछ मंत्रिमंडल सहयोगियों और अन्य नेताओं के साथ सुबह करीब 10.45 बजे जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव पहुंचे. सीएम ने जारांगे से मुलाकात की और कुछ देर तक उनसे बातचीत की. सुबह करीब 11.15 बजे जारांगे ने सीएम शिंदे द्वारा दिया गया एक गिलास जूस पीकर अपना अनशन खत्म किया.
राज ठाकरे ने साधा निशाना
इसपर अब मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का बयान सामने आया है. ट्विट करके ठाकरे ने कहा, 'यह संतोष की बात है कि मराठा आरक्षण के लिए पिछले 17 दिनों से चल रही भूख हड़ताल को मनोज जारांगे पाटिल ने वापस ले लिया. यह अच्छा है कि सीएम एकनाथ शिंदे ने समाधान में मध्यस्थता की. लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस भूख हड़ताल को खत्म करते समय सरकार की ओर से कोई अधूरा वादा नहीं किया जाएगा.'
युवाओं को लेकर कही ये बात
राज ठाकरे ने आगे कहा, 'मराठा समुदाय का युवा आज बेचैन है, अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और यह सही भी है. यह देखा जाना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा इन युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार दिलाने के लिए जो भी योजनाएं लाई गई हैं या इस समाज के बच्चों को शिक्षा के लिए मदद करने वाली योजनाएं लाई गई हैं, उनका क्रियान्वयन सही ढंग से किया जाएगा या नहीं.' पिछले 17-18 दिनों में महाराष्ट्र में जो हुआ वह दोबारा नहीं होना चाहिए. कामना यही है कि जीवन की चिंता से जूझ रहे युवक-युवतियों को कभी लाठियां न खानी पड़े और किसी को अपनी जान जोखिम में न डालनी पड़े.
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