मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के बीच में सात सुरंगें ऐसी होंगी जो कि पहाड़ों से गुजरेंगी. एक 21 किलोमीटर का सुरंग बनेगा जो समुद्र के नीचे से गुजरेगा.



 मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड रेल गलियारे यानी बुलेट ट्रेन  के मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है. इस निर्माण कार्य में एक बड़ी सफलता मिली है. दरअसल, गुजरात  के वलसाड में बुलेट मार्ग में पहले पर्वतीय सुरंग बनाने में कामयाबी मिली है. इसका निर्माण नेशनल हाईस्पीड रेल कोरपोरेशन लिमिटेड  द्वारा किया जा रहा है जिसने एक बयान में कहा कि ‘नई आस्ट्रियाई सुरंग विधि’ ( के जरिए 10 महीने में इस सुरंग का निर्माण किया गया है.

एनएचएसआरसीएल की ओर से बताया गया है कि यह सुरंग गुजरात में वलसाड के उम्बेरगांव तालुका में जरोली गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है. इसने  कहा, ‘‘ उसमें सुरंग, सुरंग द्वार, सुरंग प्रवेश छतरी जैसे अन्य संबंधित संरचनाएं हैं. 350 मीटर लंबी इस सुरंग का व्यास 12.6 मीटर और ऊंचाई 10.25 मीटर है. घोड़े के नाल के आकार वाली इस सुरंग में दो उच्च रफ्तार ट्रेन ट्रैक बनाए जाएंगे.’’

पहाड़ों से गुजरने वाली सात सुरंगे बनेंगी
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारे में पहाड़ों से गुजरने वाली सात सुरंगें होंगी और उन सभी का निर्माण एनएटीएम के जरिए किया जाएगा.बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना की अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है. शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, भारत सरकार एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी, जबकि इसमें शामिल दो राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र पांच-पांच हजार  करोड़ रुपये का भुगतान करना है. 

समुद्र के नीचे से गुजरने वाली पहली सुरंग
उच्च रफ्तार वाले इस ट्रेन गलियारे में मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और ठाणे जिले के शिल्पहटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी. जिसका सात किलोमीटर हिस्सा ठाणे क्रीक (खाड़ी) में होगी. इसका मतलब यह है कि समुद्र के नीचे से सुरंग बनेगी. समुद्र के नीचे गुजरने वाली यह देश की पहली सुरंग होगी. 

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