महाराष्ट्र में अयोग्यता याचिकाओं को लेकर उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना ने विधानसभा स्पीकर पर निशाना साधा है, जिसका अब उन्होंने खुद जवाब दिया है.

 महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर  ने सीएम एकनाथ शिंदे  के गुट वाली शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अय़ोग्यता याचिकाओं के संबंध में 23 नवंबर से सुनवाई शुरू करने का फैसला किया है. वहीं, उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना ने सुनवाई में देरी के आरोप लगाए हैं. इस पर अब राहुल नार्वेकर की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के बयान पर ध्यान नहीं देते जिन्हें संविधान की समझ नहीं है.

राहुल नार्वेकर ने रविवार को पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. नार्वेकर ने कहा, ''मैं सदन के बाहर किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए बयान पर ज्यादा ध्यान नहीं देता, खासकर उनपर जिनको संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं है. और जिनको इस बात की जानकारी नहीं है कि अयोग्यता याचिका पर कौन से नियम लागू होते हैं. मैं ऐसे आरोपों से प्रभावित नहीं होता.'' दरअसल, शिवसेना यूबीटी नेता अनिल परब ने इस देरी को सरकार की रणनीति करार दिया था और कहा कि मामले की सुनवाई में देरी का कोई कारण नहीं बनता है. यह मामला एक महीने में खत्म हो जाना चाहिए. 

शिंदे गुट की है यह मांग
जून 2022 में सीएम शिंदे और 39 विधायकों के मूल पार्टी से अलग होने के बाद शिवसेना के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी. बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के वकील ने सभी याचिकाओं को एकसाथ सुनने की मांग की है जबकि शिंदे गुट के वकील की मांग है कि सभी याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई होनी चाहिए.

जल्द सुनवाई चाहता है ठाकरे परिवार
ठाकरे गुट इस मामले पर जल्द सुनवाई चाहता है. यह चाहता है कि सीएम शिंदे समेत सभी 16 विधायकों को अयोग्य करार दिया जाए. इसको लेकर पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने बीते दिनों स्पीकर के प्रस्तावित विदेश दौरे पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि उन्हें पहले अयोग्यता याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए.


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