मुंबई। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज विपक्षी एकजुटता के प्रयासों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अलग-अलग विचारों के ये सभी दल भाजपा के डर से एक साथ आने को मजबूर हो रहे हैं। शाह भारतीय जनता पार्टी के 38वें स्थापना दिवस पर मुंबई में भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं की विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे।
रैली में राज्य भर के 92000 बूथों के करीब 5 लाख कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भीषण बाढ़ की स्थिति में सांप, नेवले, कुत्ता, बिल्ली जैसे विपरीत प्रकृति के जानवर भी एक ही वटवृक्ष पर शरण लिए दिखाई देते हैं। बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाह ने अपने कथन को और साफ करते हुए कहा कि यदि किसी को ये उपमाएं खराब लगी हों, तो वे समझ लें कि मैंने ऐसा कहकर वैचारिक भिन्नता वाले दलों के साथ आने की ओर इशारा किया है। जैसे सपा-बसपा और कांग्रेस-तृणमूल कांग्रेस या कांग्रेस और तेलुगूदेशम् पार्टी जैसे दल एक-दूसरे धुर वैचारिक विरोधी हैं। फिर भी भाजपा के डर से एक साथ आने का विचार कर रहे हैं।
भाजपा की स्थापना के बाद उसका पहला अधिवेशन 6 अप्रैल, 1980 को मुंबई में ही हुआ था। शाह ने कहा कि भाजपा की स्थापना 10 सदस्यों से हुई थी। आज यह 11 करोड़ सदस्योंवाली दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है। केंद्र सहित 20 राज्यों में इसकी सरकारें हैं। देश भर में 1600 से ज्यादा विधायक हैं। देश की 70 फीसद जनसंख्या एवं 68 फीसद भूभाग पर भाजपा का शासन है। लेकिन यह भाजपा का स्वर्णकाल नहीं है। भाजपा का स्वर्णकाल तभी होगा, जब उड़ीसा और पश्चिम बंगाल भाजपा सरकार सहित 2019 में केंद्र में दोबारा राजग की सरकार बन जाएगी। शाह ने कहा कि 2019 के चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2019 का चुनाव खोटे वायदों और नारों के भरोसे नहीं जीता जाएगा। भाजपा ने जो संगठन तैयार किया है, उसकी मेहनत और केंद्र सरकार द्वारा किए गए कामों के आधार पर यह चुनाव जीता जाएगा। शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उसके नेता आरोप लगाते हैं कि सरकार चर्चा से भाग रही है। मैं जनता की संसद में खड़ा होकर कह रहा हूँ कि स्थान तुम तय कर लो। भाजपा चर्चा के लिए तैयार है। हम चर्चा से नहीं डरते। रैली को शाह के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़ऩवीस ने भी संबोधित किया।
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