अहमदनगरकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को शिरडी के साईंबाबा के चमत्कारों के बहाने बीजेपी पर तंज कसा। कांग्रेस अध्यक्ष के निशाने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल थे। हालांकि, राहुल का यह प्रयोग कांग्रेस के लिए अब भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिरडी में श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के चेयरमैन डॉक्टर सुरेश हवारे ने राहुल पर अब हमला बोला है।
डॉ. सुरेश हवारे ने ट्वीट किया, 'राहुलजी राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच शिरडी को खींचना बहुत दर्दनाक है। इससे देश-विदेश के साईं भक्तों को बहुत ठेस पहुंचती है। सभी साईं भक्तों की ओर से हम इसकी निंदा करते हैं। इस अपमान के लिए आपको साईं भक्तों से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल के इस ट्वीट पर मचा बवाल
बता दें कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा था, 'मित्रों, शिरडी के चमत्कारों की तो कोई सीमा ही नहीं।' इसके साथ ही उन्होंने #PiyushGhotalaReturns भी लिखा था।
जानिए, क्या था मामला
बता दें कि कुछ दिनों पूर्व कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल 25 अप्रैल 2008 से 1 जुलाई 2010 के बीच शिरडी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक थे। इसी अवधि में कंपनी ने यूनियन बैंक की अध्यक्षता वाले बैंकों से 258.62 करोड़ का लोन लिया था। गोयल ने बाद में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद 651.87 करोड़ के बकाया लोन में से 65 प्रतिशत के बैंकों के कंसोर्टियम ने बगैर आपत्ति माफ कर दिया।
डॉ. सुरेश हवारे ने ट्वीट किया, 'राहुलजी राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच शिरडी को खींचना बहुत दर्दनाक है। इससे देश-विदेश के साईं भक्तों को बहुत ठेस पहुंचती है। सभी साईं भक्तों की ओर से हम इसकी निंदा करते हैं। इस अपमान के लिए आपको साईं भक्तों से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल के इस ट्वीट पर मचा बवाल
बता दें कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा था, 'मित्रों, शिरडी के चमत्कारों की तो कोई सीमा ही नहीं।' इसके साथ ही उन्होंने #PiyushGhotalaReturns भी लिखा था।
जानिए, क्या था मामला
बता दें कि कुछ दिनों पूर्व कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल 25 अप्रैल 2008 से 1 जुलाई 2010 के बीच शिरडी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक थे। इसी अवधि में कंपनी ने यूनियन बैंक की अध्यक्षता वाले बैंकों से 258.62 करोड़ का लोन लिया था। गोयल ने बाद में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद 651.87 करोड़ के बकाया लोन में से 65 प्रतिशत के बैंकों के कंसोर्टियम ने बगैर आपत्ति माफ कर दिया।
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