मुंबई में इंदू मिल की ज़मीन पर अंबेडकर स्मारक बनाने को लेकर पिछले कुछ सालों से सियासत जारी है, 14 अप्रैल फिर एक बार सामने है लेकिन अंबेडकर स्मारक का काम शुरु नहीं हो पाया है, बिना स्मारक बनाए ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही स्मारक का श्रेय लेने में जुटी है.

अक्टूबर 2015 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मारक का भूमि पूजन किया था लेकिन करीब 3 साल बाद भी स्मारक के जगह पर एक भी ईंट नहीं रखी गई. बीजेपी पर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि देश के प्रधानंमत्री के हाथों बीजेपी सरकार ने झूठा भूमि पूजन कराया, और इंदू मिल की जमीन कांग्रेस राज में अंबेडकर स्मारक के लिए दी. हालांकि सरकार ने कहा है कि इस बजट में शिवाजी और अंबेडकर दोनों स्मारक के लिए पैसा दिया गया है. और जल्दी ये काम शुरु हो जाएगा, कांग्रेस ने तो बाबा साहब और उनके अनुयायियों को सिर्फ बेवकूफ बनाने का काम किया. अंबेडकर स्मारक के लिए लगातार संघर्ष करने वाली आरपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश म्हातेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं
और बीजेपी सरकार को इंदू मिल पर स्मारक बनाने के लिए सही दिशा में प्रयास करने की सलाह दे रहे हैं




लेकिन अब जब पूरे देश में दलित राजनीति शुरु है और 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती है तो एक बार फिर अंबेडकर स्मारक बनाने का मुद्दा फिर गरमा गया है.
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