पेंटागन I अमेरिका ने पाकिस्तान की नई नवेली इमरान खान सरकार को पहला बड़ा झटका देते हुए उसे जाने वाले 300 मिलियन डॉलर की मदद को रद्द कर दिया है. ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले आतंकियों के खिलाफ किसी निर्णायक कार्रवाई में इस्लामाबाद की असफलता के चलते यह फंड रोक दिया था. हालांकि अब समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी सेना के हवाले से बताया कि उसने इस फंड को रद्द करने का फैसला किया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले पाकिस्तान पर अरबों डॉलर की मदद मिलने के बावजूद अमेरिका से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था. ऐसे में अब यह ताज़ा कदम को दोनों देशों के बिगड़ते रिश्तों की एक बानगी की तरह देखा जा रहा है.
पेंटागन के प्रवक्ता ने लेफ्टिनेंट कर्नल कोने फॉकनर ने बताया कि अमेरिकी सेना अब वह पैसे दूसरी 'तत्काल जरूरतों' पर खर्च करेगी. रक्षा विभाग ने जून/जुलाई, 2018 में इस पर प्राथमिकता से विचार किया, क्योंकि 30 सितंबर, 2018 को इस फंड के प्रयोग की अवधि समाप्त हो जाएगी.

इसके साथ ही रक्षा विभाग अभी तक कोलिजन सपोर्ट फंड के रूप में पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की राशि पर दोबारा विचार कर चुका है. इस फंड पर पुनर्विचार इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने यह प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं.

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने सहयोगी रहे पाकिस्तान पर अपनी सरजमीं पर फल-फूल रहे हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहने का आरोप लगाया था.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान दौरे पर जाने वाले हैं, जहां नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान से उनकी मुलाकात होनी है. ऐसे में दोनों नेताओं की इस मुलाकात में आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मुद्दा उठ सकता है.

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