नई दिल्ली I कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जमीन खरीद मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जो एफआईआर हुई है उसमें आरोप है कि सारे नियम ताक पर रखकर हरियाणा में उन्हें करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया. एफआईआर में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डीएलएफ गुरुग्राम व स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का भी नाम है.

एफआईआर गुरुग्राम के खेड़की दौला पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है. वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड पर गुरुग्राम के सेक्टर 83 में 3.5 एकड़ जमीन ओंकरेश्वर प्रॉपर्टीज से वर्ष 2008 में 7.50 करोड़ रुपए में खरीदने का आरोप है. जिस वक्त जमीन खरीदी गई उस वक्त  हुड्डा राज्य के मुख्यमंत्री थे और उनके पास आवास एवं शहरी नियोजन विभाग भी था.

एफआईआर में कहा गया कि स्काईलाइट ने बाद में हुड्डा के प्रभाव से कॉलोनी के विकास के लिए कमर्शल लाइसेंस प्राप्त कर इस जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेचा. इसमें नियमों को उल्लंघन कर  गुरुग्राम के वजीराबाद में डीएलएफ को 350 एकड़ जमीन बेचने का भी आरोप है, जिससे इस रियल एस्टेट कंपनी को 5000 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचा.

इन धाराओं में केस दर्ज
एफआईआर में आईपीसी की धारा 420 यानी धोखाधड़ी, धारा 120 बी(आपराधिक पड्यंत्र), धारा 467(फर्जीवाड़ा), धारा 468(धोखाधड़ी के लिए फर्जीवाड़ा), 471 यानी दस्तावेजों की जालसाजी और इसके अलावा प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 के तहत भी कार्रवाई की गई है.

इस मामले में शिकायत करने वाले सुरेंद्र शर्मा हैं. सुरेंद्र खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं. वहीं पूरे मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने भी बयान दिया है. उन्होंने इसे ध्यान भटकाने का फॉर्मूला बताया है. उन्होंने कहा कि ये चुनाव का मौसम है, तेल की कीमत बढ़ रही है, तो चलिए लोगों के मुद्दों से ध्यान मेरे पुराने मुद्दे की तरफ भटकाया जाए, इसमें नया क्या है ?

मानेसर के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार ने बताया कि हुड्डा, वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राईवेट लिमिटेड और डीएलएफ और अन्य के खिलाफ  गुरुग्राम के खेडकी दौला पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. कुमार ने बताया कि नूंह निवासी सुरेंद्र शर्मा की ओर से हमें शिकायत मिली, जिसमें उन्होंने जमीन सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाया था.

खट्टर सरकार ने जांच के लिए किया था समिति का गठन
बीजेपी नेतृत्व वाली मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 14 मई 2015 मे गुड़गांव के सेक्टर 83 में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा वाणिज्यिक उपनिवेशों के विकास के लिए लाइसेंस प्रदान करने की जांच करने के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया था. न्यायमूर्ति एस एन ढिंगरा आयोग को गठन जांच अधिनियम के आयोग के अधीन किया गया.
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