नई दिल्ली I केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए ब्लॉग लिखा है. ब्लॉग की शुरुआत जेटली ने कोर्ट-कचहरी में सीनियर वकील द्वारा जूनियर वकील को दी जाने वाली सलाह से की. जेटली ने बताया कि जूनियर वकील को समझाया जाता है कि अगर आप साक्ष्य में मजबूत हैं तो ही साक्ष्यों का सहारा लें. यदि कानून में आप पारंगत हैं तो कानून का सहारा लें. वहीं अगर आप दोनों में कमजोर हैं तो मेज पीटने का काम करें.
जूनियर वकीलों की दी जाने वाली इस सलाह के सहारे अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी के सलाहकार उन्हें सिर्फ तीसरे विकल्प के लिए उपर्युक्त बना रहे हैं. जेटली आगे लिखते हैं कि राजनीति में सिर्फ मेज पीटने से काम नहीं चलेगा, इसलिए राहुल गांधी के सलाहकार उनके लिए काल्पनिक सच्चाई का निर्माण कर रहे हैं जिसका सच्चाई से दूर-दूर तक लेना देना नहीं है.
वित्त मंत्री जेटली लिखते हैं कि राहुल गांधी का मानना है कि ऐसी झूठी बातों को इतनी बार कहा जाए कि उन्हें खुद वह एक सच्चाई लगने लगे. इसके चलते वह आत्म भ्रम में रहेंगे और खुश होंगे. इसके साथ ही जेटली लिखते हैं कि राहुल गांधी ने इस मनोवृत्ति का परिचय अपने भाषणों और ट्वीट में दिया है. फिर वित्त मंत्री अपनी दलील के पक्ष में 5 ऐसे मौकों का वर्णन करते हैं जब राहुल गांधी ऐसा करते पाए गए.
पहला: राहुल गांधी बार-बार कह रहे हैं कि प्राइवेट बिजनेस घरानों को 38000 करोड़ रुपये से लेकर 1,30,000 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा है. फिर राहुल गांधी दावा करते हैं कि जिस लड़ाकू विमान का निर्माण HAL को करना था अब वह निजी क्षेत्र की ऐसी कंपनी करने जा रही है जिसके पास इस काम का कोई तजुर्बा नहीं है.
सच्चाई: राफेल का निर्माण भारत में नहीं होने जा रहा है. न ही दसॉ द्वारा और न ही किसी अन्य निजी कंपनी द्वारा. खरीदे गए सभी 36 विमान पूरी तैयारी के साथ भारत लाया जाएगा. वहीं कंपनी से करार के तहत कुल करार की आधी कीमत की खरीदारी दसॉ को भारत में करनी होगी. इसके तहत देश में 120 ऑफसेट सप्लायर हैं और चर्चा में चल रही कंपनी भी उनमें से एक है. वहीं मौजूदा परिस्थिति में उक्त कंपनी को कुल करार का महज 3 फीसदी मिलेगा जिसकी अनुमानित कीमत महज 1000 करोड़ रुपये होगी.
दूसरा: राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि जब किसी कर्ज को एनपीए घोषित कर दिया जाता है तब उसे कर्जमाफी कहा जाएगा. इसके बाद राहुल दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने 15 दोस्तों को कर्जमाफी के जरिए मदद की.
सच्चाई: ये कॉरपोरेट कर्ज यूपीए कार्यकाल में दिए गए. इसमें से एक रुपये की माफी नहीं दी गई है. ऐसी कंपनियों के प्रमोटरों को बैंकरप्सी कानून के तहत बाहर कर दिया गया है और बैंक इनसे अपना डूबा हुआ पैसा सफलतापूर्वक निकाल रहे हैं.
तीसरा: राहुल गांधी पहले सवाल करते हैं कि आखिर क्यों मोबाइल फोन का प्रोडक्शन भारत में नहीं किया जा रहा है.
सच्चाई: उनके सवाल पर उन्हें बताया गया कि कांग्रेस कार्यकाल में महज 2 कंपनियां मोबाइल बना रही थी वहीं मौजूदा समय में 120 कंपनियां मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में लगी हैं. इसके बाद राहुल गांधी नया सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्यों देश में जूते-चप्पल का निर्माण नहीं किया जा रहा है.
चौथा: राहुल गांधी बार-बार दावा करते हैं कि जीएसटी में खामियां हैं.
सच्चाई: देश में जीएसटी को बेहद सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है और पूरा देश एक मार्केट बन चुका है. वहीं कांग्रेस शासित राज्यों समेत सभी राज्यों ने जीएसटी सुधार के साथ चलने का काम किया है.
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours