मुंबई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा है कि जैसे सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद खुद उसकी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे। उसी प्रकार सरकार को चाहिए कि वह मंदिर के लिए कानून बनाए और भूमि अधिग्रहीत कर उसे राम मंदिर निर्माण के लिए सौंप दे। 

वैद्य बुधवार को ठाणे स्थित केशवसृष्टि में शुरू हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। वैद्य ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह सन् 1994 में किए तत्कालीन कांग्रेस सरकार के सुप्रीम कोर्ट में किए अपने वादे को पूरा करे। तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कहा था कि अगर बाबरी मस्जिद के ढांचे के पहले वहां मंदिर होने के सुबूत मिले तो वह हिंदू समुदाय का पक्ष लेगी।

इस दौरान पत्रकारों के एक सवाल पर वैद्य ने कहा कि अदालत इस मामले को लंबा खींचती जा रही है। यह मुद्दा न हिंदू-मुस्लिम का है, न मंदिर-मस्जिद के विवाद का। राम मंदिर राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए गौरव का विषय है। जब बाबर के सेनापति ने अयोध्या में आक्रमण किया तो ऐसा नहीं था कि वहां नमाज पढ़ने के लिए जमीन नहीं थी। वहां खूब जमीन थी। उन पर मस्जिद बनाई जा सकती थी। पर उसने आक्रमण कर मंदिर को तोड़ा। पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में यह सिद्ध हो चुका है कि इस स्थान पर पहले मंदिर था। इस्लामी विद्वानों के अनुसार भी जबर्दस्ती कब्जा की गई भूमि पर नमाज कबूल नहीं होती। सर्वोच्च न्यायालय भी अपने फैसले में कह चुका है कि नमाज के लिए मस्जिद जरूरी नहीं होती। यह कहीं भी पढ़ी जा सकती है। 
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