नई दिल्ली : आम चुनाव 2019 में अभी समय है लेकिन बीजेपी ने बंगाल की धरती पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पुरजोर कोशिश शुरु कर दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में शुक्रवार 7 दिसंबर को बीजेपी रथ यात्रा निकालने वाली थी लेकिन अब इस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की एकल पीठ ने भारतीय जनता पार्टी को रथ यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया। यह रथ यात्रा कूचबिहार से शुरु होने वाली थी।
हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ बीजेपी डिविजन बेंच के पास पहुंची लेकिन वहां से भी पार्टी को राहत नहीं मिली और मामला कल यानी शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया है।
हाईकोर्ट के आदेशानुसार 9 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई तक रथ यात्रा नहीं निकाली जा सकती है। हाईकोर्ट ने अपनी बात कहने के दौरान उन 24 जिलों की रिपोर्ट्स का संज्ञान लिया जिनसे होकर यह यात्रा गुजरने वाली थी। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कूचबिहार से शुरु होने वाली रथ यात्रा को अनुमति देने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा अपनी तीन रैलियों के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने की मांग को लेकर अदालत गई। इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जवाब में भाजपा के वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि पार्टी एक शांतिपूर्ण रैली आयोजित करेगी लेकिन कानून और व्यवस्था को बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
मित्रा ने कहा कि संविधान राजनीति कार्यक्रम आयोजित करने के अधिकार की गारंटी देती है। उन्होंने कहा कि अप्रिय स्थिति की धारणा के आधार पर इंकार नहीं किया जा सकता है। न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वह इसे स्थगित करने के लिए तैयार हैं। इस पर भाजपा के वकील ने नाकारात्मक जवाब दिया और कहा कि इसकी तैयारी लंबे समय से जारी है और अनुमति के लिए अक्टूबर में ही प्रशासन से संपर्क किया था।
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक आवेदन रखने के बाद उन्होंने अब अनुमति देने से इंकार कर दिया है। अंत में एकलपीठ ने यात्रा स्थगित करने का फैसला सुनाया।
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