कोल्हापुर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने रविवार को कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक आरक्षण (Reservation) की सीमा बढ़ाने के लिये संविधान में संशोधन उसके मूल सिद्धांतों के लिये 'हानिकारक' है। उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब संसद ने हाल ही में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिये 10 फीसदी आरक्षण वाले विधेयक को अपनी मंजूरी दी है।
आपको बता दें कि सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण वाला विधेयक इसी हफ्ते संसद में पारित हो गया था। इसमें प्रावधान है कि सामान्य वर्ग के जिन परिवारों की वार्षिक आय 8 लाख रुपए तक है, उनके बच्चों को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस बिल को पारित कराने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पारित कराया गया। ये आरक्षण एसटी, एससी और ओबीसी को मिलने वाले 49.5 आरक्षण से अलग है। इस तरह अब आरक्षण की सीमा 59.5 प्रतिशत हो गई है।
मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि चुनावों को ध्यान में रखकर नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आखिरी वक्त में लिया गया फैसला मतदाताओं का मन बदलने में मददगार साबित नहीं होगा। पवार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आधारित राजनीतिक फिल्म ‘द ऐक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर’ और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के जीवन पर आधारित ‘ठाकरे’ का मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
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