नई दिल्ली I नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरिम बजट को किसान और गरीबों का हितैषी बताया है. लेकिन कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार को अपनी वापसी का भरोसा नहीं होने के कारण घबराहट में उसने संविधान का उल्लंघन करते हुए एक तरह से पूर्ण बजट पेश किया है. वही टीआरएस ने कहा है कि  सरकार द्वारा किसानों को घोषित न्यूनतम आय तेलंगाना के रैयत बंधु योजना की नकल है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने चुनावी भाषण के साथ बजट पेश किया है और यह स्थापित परंपराओं का अपमान है. चिदंबरम ने कहा, "मोदी सरकार द्वारा पेश अंतरिम बजट हाल के समय का सबसे लंबा अंतरिम बजट है. चिदंबरम ने कहा कि इतना लंबा भाषण देकर उन्होंने हमारे धैर्य की परीक्षा ली है. यह अंतरिम बजट नहीं था, यह पूर्ण बजट था जिसे चुनावी भाषण के साथ पेश किया गया. ऐसा करके सरकार ने स्थापित परंपराओं को भंग किया है."

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि इस बजट में दस साल आगे की झूठी बात है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "एक साल के बजट में दस साल आगे की झूठी बात है. बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों और श्रमिकों के लिए इसमें कुछ भी राहत नहीं है." अखिलेश ने ट्वीट में लिखा, "कि भाजपा सरकार ने पिछले 5 सालों में 5-5 किलो करके खाद की बोरियों से जो निकाला है, अब उसी को वो 6 हजार रुपया बनाकर साल भर में वापस करना चाहती है. भाजपा ने ‘दाम बढ़ाकर व वज़न घटाकर’ दोहरी मार मारी है. अगले चुनाव में किसान ‘बोरी की चोरी करने वाली भाजपा’का बोरिया-बिस्तर ही बांध देंगे.
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