नई दिल्ली I रियल एस्टेट पर लगने वाले जीएसटी रेट घटाने का ऐलान बुधवार को हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक अंडरकंस्ट्रक्शन घरों पर जीएसटी का रेट 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव है. वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी की सुप्रीम बॉडी जीएसटी काउंसिल की बुधवार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक होने वाली है, जिसमें खासतौर पर रियल एस्टेट पर लगने वाले जीएसटी में कटौती का एजेंडा शामिल किया गया है.
काउंसिल रियल एस्टेट के लिए दो स्लैब का ऐलान कर सकती है. पहले स्लैब यानी अंडरकंस्ट्रक्शन हाउसिंग के लिए नई दर 5 फीसदी और सस्ते घरों के लिए जीएसटी की दर 3 फीसदी घोषित की जा सकती है. फिलहाल अंडरकंस्ट्रक्शन घरों के लिए जीएसटी का स्टैंडर्ड रेट 18 फीसदी है जबकि सस्ते घरों यानी अफोर्डेबल हाउसिंग के ऊपर 8 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है.
जमीन की कीमत को स्टैंडर्ड रेट से घटाया जाता है क्योंकि फिलहाल जमीन राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आती है इसलिए जीएसटी की प्रभावी दर 18 फीसदी की जगह करीबन 12 फीसदी पड़ती है. सूत्रों के मुताबिक काउंसिल हाउसिंग पर जीएसटी दर की कमी के साथ इनपुट क्रेडिट को हटा सकती है. फिलहाल बिल्डर को इनपुट क्रेडिट मिलता है. हालांकि कई डेवलपर्स या बिल्डर्स इसका फायदा घर खरीदने वालों को नहीं देते.
सुमित दत्त मजूमदार, पूर्व चेयरमैन, CBEC का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण फैसला है कि जीएसटी रेट में कटौती का फायदा तो मिलेगा लेकिन इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा. इसका सीधा मतलब हुआ कि बकाया इनपुट टैक्स एक बड़ी लागत के रूप में खड़ा हो सकता है. जीएसटी से पहले रियल एस्टेट पर कई तरह की ड्यूटी या टैक्स लगते थे, जिनमें कंस्ट्रक्शन और रेंट पर सर्विस टैक्स और इनपुट मैटेरियल पर एक्साइज यानी उत्पाद शुल्क लगता था.
जीएसटी कानून के मुताबिक घर का निर्माण अगर बिक्री के लिए किया जाता है तो उसे सेवा सप्लाई माना जाएगा और जीएसटी लगेगा. हालांकि जिन घरों पर कंप्लीशन सर्टिफिकेट पहले ऑकुपेशन के समय मिल चुका है उनपर जीएसटी नहीं लगता है.
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