नई दिल्ली I संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में चीन ने एक बार फिर से अड़ंगा लगाकर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बचा लिया. इसके बाद भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए अपील शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर #BoycottChineseProducts और #BoycottChina ट्रेंड करने लगा है. लोगों ने देशभक्ति जाहिर करते हुए चीनी सामान ना खरीदने की बात कहीं है. लेकिन क्या ये संभव है.
दोनों देशों के बीच कारोबार पर एक नजर
>> चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबार सहयोगी है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017-18 में भारत से चीन को 13.4 अरब डॉलर (920 अरब रुपए) का एक्सपोर्ट हुआ, जबकि चीन से आयात 76.4 अरब डॉलर (5348 अरब रुपए) का हुआ.
>> इस तरह भारत को 63 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. चीन से भारत के आयात में हर साल इजाफा हो रहा है. साल 2016-17 में 51.11 अरब डॉलर का आयात हुआ था.
>> दिल्ली के सदर बाज़ार के एक व्यवसायी प्रमोद गुप्ता कहते हैं कि चीन के गिफ़्ट आइटम इसलिए बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि वो सस्ते हैं, बहुत सुंदर हैं, बहुत आकर्षित होते हैं.
>> इस वक्त पूरा सदर बाज़ार चीन से ही माल मंगा रहा है और हर ग्राहक की ज़ुबान पर एक ही बात होती है कि कुछ नया मिला, कुछ सस्ता मिला और बहुत सुंदर मिला.
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