जमुई (बिहार) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकी शिविरों के खिलाफ सेना के अभियान के सबूत मांगने को लेकर मंगलवार को विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला और कहा कि वे भारत की राजनीतिक पार्टियों से कहीं ज्यादा पाकिस्तान के प्रवक्ता के तौर पर नजर आती हैं। लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद बिहार में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मतदाताओं को फैसला कर लेना चाहिए कि क्या वे पाकिस्तान के उन मददगारों को सत्ता सौंपना चाहते हैं, जिन्होंने सबूत मांगकर सशस्त्र बलों के मनोबल को गिराया है।
मोदी ने जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री पद को बहाल किए जाने संबंधी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के बयान पर भी निशाना साधा और कहा कि क्या किसी देश में एक से ज्यादा प्रधानमंत्री हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि कांग्रेस और राजद, जो महामिलावट गिरोह का हिस्सा हैं, इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करें।’ पीएम मोदी विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन को महामिलावट कहकर उसका मजाक उड़ाते रहे हैं।
कांग्रेस ने पाकिस्तान की धरती से भारत के खिलाफ संचालित होने वाली आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने का संकल्प व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार में आने के बाद वह पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए दुनिया के विभिन्न देशों को लामबंद करेगी। उसने यह भी वादा किया कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डालकर उसकी धरती से चलने वाली आतंकी गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाएगा। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आई तो राफेल मामले और नरेंद्र मोदी सरकार के समय हुए दूसरे सौदों की जांच कराई जाएगी। उसने ने अपने चुनावी घोषणापत्र में यह भी वादा किया है कि सरकार बनने पर वह भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या (लिंचिंग) और घृणा अपराधों के खिलाफ संसद के पहले सत्र में कानून पारित करेगी।
कांग्रेस ने अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी वर्गों के लिए बड़े वादे करते हुए कहा है कि सरकार बनने पर वह विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ी 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के लिए कानून बनाएगी तथा पदोन्नति में आरक्षण के लिए संविधान संशोधन करेगी। उसने इन वर्गों के लिए शिक्षा एवं रोजगार में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए समान अवसर आयोग बनाने का भी वादा किया। कांग्रेस ने यह भी वादा किया कि अनुसूचित जाति-जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों को सुनिश्चित करने के साथ ही उनके विकास के लिए कदम उठाए जाएंगे तथा न्यायपालिका में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पार्टी ने यह भी कहा कि कारोबार शुरू करने के तीन साल तक किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं होगी तथा छोटे एवं मझोले कारोबारियों के लिए बैंक ऋण की उपलब्धता को सहज बनाया जाएगा।
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