नई दिल्ली I लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद गांधी परिवार को एक और झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नेशनल हेराल्ड मामले में हरियाणा के पंचकूला स्थित 64.93 करोड़ की कीमत वाली संपत्ति को जल्द ही अपने कब्जे में लेगा।

वर्ष 2005 में तत्कालीन हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने नियम-कायदे को नजरअंदाज कर यह संपत्ति गांधी परिवार के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को आवंटित कर दी थी। ईडी ने बुधवार को बताया कि इस संपत्ति पर कब्जे के लिए मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत अर्ध न्यायिक प्राधिकरण से मंजूरी मिल गई है। 

यह मामला पंचकूला में एजेएल को हिंदी समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड व नवजीवन के प्रकाशन के लिए जमीन आवंटन से जुड़ा है। एजेएल पर कथित रूप से गांधी परिवार समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का नियंत्रण है।

एक दिसंबर 2018 को पीएमएलए के तहत पंचकूला में सेक्टर 6 में सी-17 प्लाट को जब्त करने का आदेश जारी किया गया था। अब इस पर कब्जा लेने के लिए मंजूरी मिल गई है और जल्द ही ईडी इस पर कब्जा ले लेगा।

इस मामले में सीबीआई हुड्डा और अन्य के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। हालांकि यह जमीन कोर्ट से एजेंसी के पक्ष में फैसला आने के बाद ही पूरी तरह से सरकार के कब्जे में आएगी।

ये है पूरा मामला
1982 में तत्कालीन सीएम भजनलाल ने यह प्लाट एजेएल को आवंटित किया था। 10 साल तक निर्माण नहीं होने पर हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट प्राधिकरण ने वापस ले लिया था। 2005 में मना करने के बावजूद तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 1982 की कीमत पर ही प्लाट एजेएल को फिर से आवंटित कर दिया। 

ईडी के अनुसार, प्लाट की कीमत 64.93 करोड़ रुपये थी, जबकि हुड्डा ने केवल 59.39 लाख में आवंटित कर दी थी। 3360 वर्गमीटर के इस जमीन पर निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 2008 से 2012 के बीच तीन बार एजेएल को गलत तरीके से राहत दी गई। एजेएल का कार्य 2014 में जाकर पूरा हुआ। इस मामले में सतर्कता विभाग ने मई 2016 में हुड्डा के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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