बर्मिंघम: टीम इंडिया को रविवार को विश्‍व कप 2019 के 38वें मैच में इंग्‍लैंड के हाथों 31 रन की शिकस्‍त झेलनी पड़ी। इंग्‍लैंड ने बर्मिंघम में पहले बल्‍लेबाजी की और निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 337 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम 50 ओवर में पांच विकेट खोकर 306 रन बना सकी। मैच के बाद भारतीय कप्‍तान विराट कोहली ने एजबेस्‍टन के मैदान और छोटी बाउंड्री पर सवाल उठाए। उन्‍होंने कहा कि अजब संयोग हुआ कि ग्राउंड पर छोटी बाउंड्री रही और मैच सपाट पिच पर खेला गया।
कोहली ने कहा, 'टॉस महत्‍वपूर्ण था विशेषकर इसलिए क्‍योंकि बाउंड्री काफी छोटी थी। मेरे ख्‍याल से वहां की बाउंड्री 59 मीटर थी जो संयोगवश अंतरराष्‍ट्रीय मैच के लिए न्‍यूनतम जरूरी है। फिर मैच सपाट पिच पर खेला गया। यह सब अचानक इस मैच में हो रहा था। यह पहला मौका है जब हमने इस तरह का कुछ अनुभव किया। अगर बल्‍लेबाज रिवर्स स्‍वीप पर आपको 59 मीटर लंबा छक्‍का जमा रहा है तो आप एक स्पिनर के रूप में ज्‍यादा कुछ नहीं कर सकते।'
विश्‍व कप के सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए खेलने वाले इंग्‍लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्‍लेबाजी का फैसला किया। कोहली ने कहा कि वह भी इस पिच पर टॉस जीतकर पहले बल्‍लेबाजी करना पसंद करते। बहरहाल, भारतीय कप्‍तान ने बताया कि टीम इंडिया ने असल में कब मैच गंवाया।
उन्‍होंने कहा, 'रिषभ पंत और हार्दिक पांड्या जब क्रीज पर थे तब हमारे पास जीत का अच्‍छा अनुभव था। मगर इंग्‍लैंड ने नियमित अंतराल में विकेट गिराकर हमें बैकफुट पर डाल दिया।' एमएस धोनी और केदार जाधव ने अंतिम ओवरों में बेहद धीमी पारी खेली, जिसके बाद उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। एमएस धोनी और जाधव ने 31 गेंदों का सामना किया, जिसमें 7 गेंद खाली, 20 सिंगल हासिल किए। इस दौरान धोनी ने एक छक्‍का लगाया जबकि दोनों बल्‍लेबाजों ने केवल तीन गेंदों पर चौके जमाए। तब भारतीय टीम को मैच जीतने के लिए तेजी से रन बनाने की जरूरत थी।
पूर्व भारतीय कप्‍तान सौरव गांगुली और नासिर हुसैन ने कमेंट्री के दौरान कई गंभीर सवाल खड़े किए। हालांकि, मैच के बाद भारतीय कप्‍तान विराट कोहली ने अपने दोनों खिलाडि़यों का बचाव किया। उन्‍होंने कहा, 'हमने नियमित अंतराल में विकेट गंवाए, जो बड़े लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए अच्‍छा नहीं होता है। मगर इंग्‍लैंड को श्रेय देना होगा कि उन्‍होंने बड़े अच्‍छे से गेंदबाजी की। मेरे ख्‍याल से एमएस धोनी बड़े शॉट्स खेलने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन गेंद बल्‍ले पर ढंग से आ नहीं रही थीं। इंग्‍लैंड के गेंदबाजों ने अच्‍छी गेंदबाजी की, जिस पर बल्‍लेबाजी करना मुश्किल हो जाता।'
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