नई दिल्ली I भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय भूटान दौरा आज से शुरू हो रहा है। 17 से 18 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों सहित आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर व्यापक चर्चा करेंगे। इसमें पनबिजली क्षेत्र में सहयोग सहित दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का विषय भी शामिल हो सकता है। मोदी के दौरे से पहले 15 अगस्‍त को भूटान ने उनकी सराहना करते हुए कहा था कि वह ऐसे शख्स हैं, जो भारत को आगे ले जाना चाहते हैं। 

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोटे शेरिंग के आमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। मोदी इस दौरान भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिग्ये वांगचुक से भेंट करेंगे। वह भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोटे शेरिंग के साथ बैठक करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दर्शाती है कि भारत सरकार अपने भरोसेमंद मित्र भूटान के साथ संबंधों को कितना महत्व देती है । मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा भारत सरकार द्वारा पड़ोस प्रथम नीति पर जोर दिए जाने के महत्व को दर्शाती है ।’ 

आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर होगी व्‍यापक चर्चा 
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और भूटान समय की कसौटी पर खरे और विशेष संबंधों को साझा करते हैं और दोनों देश साझी सांस्कृतिक धरोहर और लोगों के बीच संपर्क के साथ आपसी समझ और सम्मान का भाव रखते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों सहित आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर व्यापक चर्चा करेंगे। साथ ही अपने पहले से मजबूत संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने पर जोर देंगे । दोनों देश आर्थिक और विकास सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे। 
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