नई दिल्ली: रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान में पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधन देते हुए कहा कि यह बहुत स्वाभाविक बात है कि भारत और भूटान के लोग एक दूसरे के साथ खास रिश्ता महसूस करते हैं। हम सिर्फ भौगोलिक तौर पर करीब नहीं हैं बल्कि हमारे इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा ने लोगों के बीच इस रिश्ते को स्थापित किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में आज सभी क्षेत्रों में बड़े और अहम बदलाव हो रहे हैं। तेजी से गरीबी को खत्म करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। बीते पांच साल में ढांचागत निर्माण का काम दोगुनी तेजी से आगे बढ़ा है। छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'यह बहुत खुशी की बात है कि भूटान के अपने छोटे उपग्रह को डिजाइन करने और लॉन्च करने के लिए युवा भूटानी वैज्ञानिक भारत की यात्रा करने वाले हैं। मुझे उम्मीद है कि किसी दिन जल्द ही, आप में से कई वैज्ञानिक, इंजीनियर और इनोवेटर्स होंगे।' यहां सिलसिलेवार बिंदुओं में पढ़ें प्रधानमंत्री के भाषण से जुड़ी खास बातें-
छात्रों के सामने भूटान के प्रधानमंत्री की फेसबुक पोस्ट का जिक्र करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'कुछ दिन पहले, मेरे अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री डॉ. त्शेरिंग ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा जो मेरे दिल को छू गया। इस पोस्ट में उन्होंने एग्जाम वारियर्स के बारे में जिक्र किया था, मैंने एक किताब लिखी थी जिसमें युवाओं को बिना तनाव के परीक्षा का सामना करने की सलाह दी गई थी।'
'परीक्षा वारियर्स में मैंने जो कुछ लिखा है, वह भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रभावित है। विशेष रूप से सकारात्मकता का महत्व, डर पर काबू पाने और एकता में रहने का तरीका, वर्तमान समय में रहने की सलाह।'
अंतरिक्ष क्षेत्र में भूटान के साथ सहयोग पर बोलते हुए पीएम ने कहा, 'हमने दक्षिण एशिया उपग्रह के थिम्पू ग्राउंड स्टेशन का उद्घाटन किया और अपने अंतरिक्ष सहयोग का विस्तार किया। सैटेलाइट के जरिए टेली-मेडिसिन के फायदे, दूर दराज के इलाकों में शिक्षा, संसाधन मैपिंग, मौसम का पूर्वानुमान और यहां तक ​​कि प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी और अन्य क्षेत्रों तक पहुंच जैसे कई फायदे इससे हो रहे हैं।'
'दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई सवाल पूछता है कि आप भूटान के साथ क्या करते हैं, तो इसका जवाब होगा खुश रहने की अवधारणा। मुझे आश्चर्य नहीं है। भूटान ने खुश रहने के सार को समझा है।'
'भूटान लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रयास कर रहा है और आपके 1.3 बिलियन भारतीय मित्र केवल आपको गर्व और खुशी के साथ नहीं देखेंगे। वे आपको भागीदार बनाएंगे, आपसे साझा करेंगे और आपसे सीखेंगे।'
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