नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट है। दुनिया के सभी मंचों पर मुंह की खाने के बाद इमरान खान का कहना है कि वो इस मुद्दे को उठाते रहेंगे। इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बैठक में पाकिस्तान ने इस विषय को उठाने का फैसला किया है। लेकिन गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया कि संयुक्त राष्ट्र में जब पीएम मोदी पूरी दुनिया को संबोधित करेंगे तो यह विषय एजेंडे में नहीं होगा। जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है लिहाजा इस विषय पर उस फोरम पर बात करने का कोई तुक नहीं है। लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर भारत अपनी बातों को पूरजोर अंदाज में पेश करेगा। इन सबके बीच अमेरिकी में भारत के राजदूत एच वी श्रृंगला ने जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के बौखलाहट के बारे में बताया। 


एच वी श्रृंगला कहते हैं कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को परेशानी इस बात से नहीं है कि अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है, वो इस बात से हैरान और परेशान हैं कि किस तरह से वहां हालात सामान्य हो रहे हैं। वो इस बात से परेशान हैं कि जम्मू-कश्मीर में विकास और समृद्धि की वो बयार बहने वाली है जिसके रास्ते में 370 रुकावट थी। भारत सरकार ने उस अराजक और अस्थाई प्रावधान को हटा दिया जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर मुख्य धारा से कटा हुआ था। 

एच वी श्रृंगला का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में खुशहाली न आए उसके पीछे पाकिस्तान का निहित स्वार्थ है। पाकिस्तानी हुक्मरानों की सोच रही है अगर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास की बयार को पंख लगेंगे तो उसकी धमक फीकी पड़ जाएगी। वो अलगाववादियों को फलने फूलने में मदद नहीं कर पाएगा। आर्थिक खुशहाली में कमी की वजह से वो अलगाववादी भावनाओं को खाद पानी देकर भड़काता रहेगा। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को अशांत करने के लिए आतंकवाद को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता रहा है। आप ने देखा होगा कि जब पूरी दुनिया में आतंक के आका ओसामा बिन लादेन की तलाश की जा रही थी तो पाकिस्तान वे उसे शरण दिया था। इसके साथ ही वो जम्मू-कश्मीर को अशांत करने के लिए दहशतगर्दों की मदद करता रहा और वो सिलसिला आज भी नहीं रुका है।
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