न्यूयॉर्क:  टेक्सास के ह्यूस्टन में ऐतिहासिक कार्यक्रम ‘हाउडी मोदी’ में शिरकत करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम एक नई सोच के साथ आए हैं और अब बात करने का समय नहीं है बल्कि कार्रवाई करने का समय है। उन्होंने कहा, 'भारत व्यवहारिक सोच के साथ यहां आया है, भारत ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।'
पीएम मोदी ने कहा, 'हम परिवहन क्षेत्र में ई मोबिलिटी को प्रोत्साहन दे रहे हैं। हम पेट्रोल और डीजल में बड़ी मात्रा में बॉयो फ्यूल की बढ़ोत्तरी कर रहे हैं। हमने 150 मिलियन परिवारों को क्लीन कुकिंग गैस दिए हैं। हमने, रेन हार्विंटिंग, जल संरक्षण के लिए मिशन जल जीवन शुरू किया है और अगले कुछ वर्षों में इस पर लगभग 50 बिलियन डॉलर खर्च करने की हमारी योजना है। 80 देश हमारे सौलर गठबंधन की योजना के साथ जुड़ चुके हैं।'
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा,  'इस साल भारत के स्वतंत्रा दिवस पर हमने सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए जन आंदोलन का आह्वान किया है। मैं आशा करता हूं कि इससे वैश्विक स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता और बढ़ेगी। मुझे आपको बताते हुए प्रसन्नता है कि कल हम भारत द्वारा लगाए गए सौलर पैनल का उद्घाटन करेंगे। बात करने का समय अब बीत चुका है। विश्व को अब एक्शन की जरूरत है।'
प्रधानमंत्री ने अक्षय ऊर्जा पर अपनी सरकार की के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देने के अलावा वैश्विक जलवायु कार्यवाही प्रयासों में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका तथा योगदान को रेखांकित किया। मोदी इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के शुरुआती वक्ताओं में शामिल रहे। यह इस मायने में महत्वपूर्ण है कि केवल उन्हीं राष्ट्र प्रमुखों, सरकार और मंत्रियों को ही सम्मेलन में बोलने का मौका मिलता है जिन्हें जलवायु कार्यवाही को लेकर कोई ‘सकारात्मक घटनाक्रम’ की घोषणा करनी होती है।
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