लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदू संगठन के नेता कमलेश तिवारी की पत्नी को 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के बुधवार को निर्देश दिए। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने दिवंगत कमलेश तिवारी के परिवार की मदद के लिए उनकी पत्नी को तात्कालिक रूप से 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने तथा परिवार को तहसील महमूदाबाद, जिला सीतापुर में एक आवास की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह कड़े निर्देश दिए कि तिवारी की हत्या के अपराध में गिरफ्तार किए गए मुख्य हत्यारों के खिलाफ त्वरित अदालत में प्रभावी कार्रवाई की जाए।
सीतापुर के जिला मजिस्ट्रेट, अखिलेश तिवारी ने कमलेश तिवारी की पत्नी को 15 लाख रुपए का चेक सौंपा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कमलेश तिवारी की पत्नी के लिए 15 लाख रुपए की तत्काल वित्तीय सहायता और परिवार के लिए महमूदाबाद (सीतापुर) में एक घर देने की घोषणा की थी।
कमलेश तिवारी की मां ने कहा कि मकान और 15 लाख रुपए के मुआवजे से संतुष्ट नहीं हूं। मैं दोनों को राज्य सरकार को वापस देती हूं।
गौर हो कि तिवारी (45) की 18 अक्टूबर को नाका हिण्डोला थाना क्षेत्र के खुर्शेदबाग में उनके आवास पर बने कार्यालय में हत्या कर दी गई थी। कमलेश तिवारी के कथित दोनों हत्यारों ने तिवारी पर सिर्फ गोली ही नहीं चलायी बल्कि उन पर चाकू से लगातार कई वार भी किए थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि तिवारी के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके शरीर में एक गोली लगी है और चाकू के 15 वार हैं। कमलेश के चेहरे पर एक गोली मारी गयी थी। उन्होंने बताया कि कमलेश के चेहरे और गले पर चाकू के वार के कई निशान पाए गए।
पुलिस ने अशफाक शेख (34) और मोइनुद्दीन (27) द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल की गयी पिस्तौल और चाकू बरामद कर लिया है। इस बीच कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी ने संवाददाताओं को बताया कि वह हत्यारों की गिरफ्तारी से खुश हैं और चाहती हैं कि उन्हें फांसी दी जाए। उन्होंने कहा कि वह सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं।
तिवारी के बेटे सत्यम ने विशेष जांच दल (एसआईटी), गुजरात और उत्तर प्रदेश सरकार एवं प्रशासन का धन्यवाद किया। सत्यम ने कहा कि हत्यारों की पहचान अब हो चुकी है इसलिए उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को तिवारी की हत्या में कथित तौर पर शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपी सूरत के अशफाक शेख ओर मोइनुद्दीन पठान हैं ।
गुजरात एटीएस के उप महानिरीक्षक हिमांशु शुक्ला ने बताया कि दोनों आरोपियों को गुजरात-राजस्थान सीमा पर शामलाजी के निकट से गिरफ्तार किया गया। वे मंगलवार की शाम गुजरात में घुसने वाले थे। गुजरात एटीएस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि अपराध को अंजाम देने के बाद दोनों हत्यारे नेपाल गए और शाहजहांपुर पहुंचने के बाद वहां से गुजरात की ओर बढ़े।
हत्या के सिलसिले में छह लोगों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है, जिनमें से तीन सूरत के और एक महाराष्ट्र के नागपुर का है। उत्तर प्रदेश पुलिस और गुजरात एटीएस ने एक संयुक्त अभियान में शुक्रवार को मामले के तीन संदिग्धों मौलाना मोहसिन शेख, फैजान और राशिद पठान को गिरफ्तार किया था।
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