नई दिल्ली : अयोध्या केस की सुनवाई अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मंगलवार को कहा कि संवैधानिक पीठ इस मामले की अंतिम सुनवाई बुधवार को पूरी करेगी। उन्होंने कहा कि बुधवार को 40वां और सुनवाई का अंतिम दिन है। बता दें कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ कर रही है। इस पीठ की अगुवाई सीजेआई रंजन गोगोई कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई 17 अक्टूबर तक पूरी करने की बात कही थी लेकिन कोर्ट अब बुधवार को इस केस की अंतिम सुनवाई करेगा।
सोमवार को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से कहा कि 1989 तक हिंदुओं की तरफ से अयोध्या की भूमि पर मालिकाना हक का दावा नहीं थी। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह चाहता है कि 1992 में विध्वंस से पहले बाबरी मस्जिद जिस अवस्था में थी उसे उसी रूप में बहाल किया जाए। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की सुनवाई के 38वें दिन अपनी ये दलील दी। 
संवैधानिक पीठ में शामिल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मुस्लिम पक्ष की इस दलील से असहमत होते हुए कहा, 'विवादित भूमि के बाहरी प्रांगण पर कब्जा हिंदुओं के पास है जैसा कि दस्तावेज बताते हैं।' जबकि मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा, 'हिंदू विवादित भूमि के बाहरी प्रांगण पर दावा नहीं कर सकते। सभी तथ्य यह बताते हैं कि हिंदू प्रार्थना करते थे लेकिन कब्जा उनके पास नहीं था।'
बता दें कि अयोध्या केस में मध्यस्थता की प्रक्रिया असफल हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट गत छह अगस्त से इस मामले की रोजाना सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद का सौहार्दपूर्ण हल ढूंढने के लिए एक मध्यस्थता पैनल का गठन किया था लेकिन यह पैनल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका।
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