लखनऊ: लखनऊ के कमलेश तिवारी हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है. कमलेश के भतीजे ने कहा है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से मंदिर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, दस दिन पहले उन्होंने कमलेश को जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं कमलेश की पत्नी का कहना है कि बीजेपी नेता शिवकुमार गुप्ता से रामजानकी मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद चल रहा था. जानकारी के मुताबिक दो हमलावार थे, उन्होंने पहले कमरे में चाय पी. वो अपने साथ मिठाई के डिब्बे में बंदूक और चाकू लेकर पहुंचे थे. एक ने गला रेता और दूसरे ने गोली मार दी. कमलेश पर चाकू और बंदूक दोनों से वार किया गया.

पुलिस को शक है कि कमलेश तिवारी की हत्या उनके किसी जान पहचान वाले ने की है. प्राथमिक जांच ये जानकारी सामने आई है कि कमलेश तिवारी ने उन दोनों लोगों को चाय पिलाई और दही बड़े खिलाए. इन्हीं बातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि हत्यारे जान पहचान वाले होंगे और इसके पीछे कोई आपसी रंजिश होगी. मामले की छानबीन में 10 टीमें लगाई गई हैं. मौके पर एक पिस्तौल बरामद हुई है, उसकी जांच की जा रही है. इलाके के आसपास लगे सभी सीसी कैमरे खंगाले जा रहे हैं.


इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी में लखनऊ के आईजी एसके भगत, लखनऊ के एसपी क्राइम दिनेश पूरी और एसटीएफ के डिप्टी एसपी पीके मिश्रा शामिल हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी से रिपोर्ट भी मांगी है. बताया जा रहा है कि तीन संदिग्धों का एक सीसीटीवी फूटेज भी सामने आया है.

इस मामले में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कमलेश तिवारी हत्याकांड में एसटीएफ को लगाया गया है. डीजीपी का दावा है कि 48 घंटे में अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी.

कमलेश की हत्या की खबर फैलते ही हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी व सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए. उन्होंने अमीनाबाद का बाजार बंद कराकर पुलिस-प्रशासन व सरकार विरोधी नारेबाजी की, रोडवेज बस में तोड़फोड़ की, पोस्टमार्टम हाउस तिराहा पर जाम लगाकर धरना-प्रदर्शन व हंगामा किया.

तनाव के मद्देनजर इलाके में कई थानों की पुलिस फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दी गई है.
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