नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान (Pakistan) का साथ देने को लेकर तुर्की (Turkey) और मलेशिया (Malaysia) भारत के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. ऐसे में भारत सरकार दोनों देशों को बड़ा व्यापारिक झटका देने की तैयारी में है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार मलेशिया और तुर्की से आयात किए जाने वाले सामानों में कटौती करने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही दोनों देशों पर नए आयात शुल्क लगाने पर भी विचार किया जा रहा है.

'Bloomberg' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार (Modi Government) तुर्की-मलेशिया के साथ आयात को सीमित करने के लिए टैरिफ और नॉन-टैरिफ दोनों विकल्पों पर विचार कर रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत सरकार तुर्की और मलेशिया पर जटिल गुणवत्ता जांच, पहले से लगे टैक्स के साथ ही अतिरिक्त तौर पर एक और सेफगार्ड टैक्स भी लगा सकती है. हालांकि, इनपर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन जाहिर तौर पर भारत के इस कदम से तुर्की और मलेशिया की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर होगा.

तुर्की-मलेशिया के साथ कितना है भारत का व्यापार?
भारत का इन दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार 31 मार्च, 2019 को खत्म हुए वित्त वर्ष में महज़ 2.9 फीसदी रहा. वहीं, भारत सरकार तुर्की के साथ ट्रेड सरप्लस में है, जबकि मलेशिया के साथ उसका कारोबार घाटे में चल रहा है. इसका मुख्य कारण पॉम ऑयल है. हालांकि, मंगलवार को एक प्रभावी इंडियन प्रोसेसर्स ग्रुप ने मलेशिया को बड़ा झटका देते हुए अपने सदस्यों से कहा कि वो मलेशिया से पॉम ऑयल खरीदना बंद कर दे.
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