मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के सात दिन बाद भी नई सरकार के गठन का रास्ता साफ नहीं हो सका है. चुनाव नतीजों में बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के गठबंधन को स्पष्ट बहुमत के बाद भी दोनों दलों के बीच सरकार बनाने को लेकर खींचतान जारी है. शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायक आज यानी गुरुवार को विधायक दल का नेता चुनेंगे. शिवसेना के एक नेता ने बताया कि इस संबंध में एक बैठक मध्य मुंबई स्थित शिवसेना भवन में आयोजित होगी.

सत्ता में भागीदारी को लेकर आमने-सामने दोनों दल
दरअसल शिवसेना बीजेपी के साथ समान अवधि (ढाई-ढाई साल) के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है. वरिष्ठ नेता एवं मंत्री एकनाथ शिंदे निवर्तमान विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के नेता हैं. वहीं  बुधवार को बीजेपी विधायक दल की हुई बैठक में सर्वसम्मति से देवेंद्र फडणवीस को फिर से नेता चुन लिया गया. इस बीच सूत्रों ने बताया कि दो निर्दलीय विधायकों मंजुला गावित (साकरी) और चंद्रकांत निंबा पाटिल (मुकतैननगर) ने बुधवार को उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद शिवसेना को समर्थन देने की घोषणा की. पाटिल ने हाल के चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे की बेटी रोहिणी खडसे को हराया है.

दोनों पार्टियों को निर्दलीय का समर्थन

चुनाव नतीजों में शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं. इसके अलावा अभी तक उसे गावित और पाटिल सहित छह विधायकों का समर्थन हासिल हो चुका है. इससे 288 सदस्यीय विधानसभा में उसकी संख्या बढ़कर 62 हो गई है. दूसरी ओर चुनाव में 105 सीटें जीतने वाली बीजेपी को कम से कम छह विधायकों का समर्थन हासिल है जिसमें से अधिकतर पार्टी के बागी हैं जिन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था.

सीएम पद को लेकर वाकयुद्ध जारी
बीजेपी और शिवसेना के बीच बारी-बारी से मुख्यमंत्री के मुद्दे पर वाकयुद्ध चल रहा है. ठाकरे का दावा है कि ऐसी व्यवस्था पर उस फार्मूले के दौरान सहमति बनी थी जिस पर उन्होंने, फडणवीस और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच 2019 चुनाव से पहले चर्चा हुई थी. हालांकि फडणवीस के इस बयान से नाराज होकर कि शिवसेना को कभी भी समान अवधि के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था, ठाकरे ने बीजेपी के साथ सत्ता बंटवारे को लेकर बातचीत रद्द कर दी थी.
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