नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार के सामने संकट खड़ा है और वहां राजनीतिक गतिविधियां तेजी से करवटें ले रही हैं इस सबके बीच मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार को कहा कि राज्य विधानसभा में फ्लोर टेस्ट 16 मार्च को होगा। इससे पहले शनिवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत से पहले कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट की मांग की थी।
22 विधायकों के इस्‍तीफे के कारण अल्‍पमत में आई कमलनाथ सरकार के खिलाफ बीजेपी ने खुलकर सियासी घेराबंदी शुरू कर दी है। वहीं मध्‍य प्रदेश में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने की मांग की कि बेंगलुरु में कांग्रेस के जो 22 विधायक 'कैद' हैं, उनकी प्रदेश में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए, ताकि वे 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में बिना किसी डर के हिस्‍सा ले सकें। 
बीजेपी की ओर से यह मांग ऐसे समय में आई है, जबकि कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने के बाद से उनके बड़ी संख्‍या में उनके समर्थकों ने भी इस्‍तीफा दे दिया। हालांकि इसके बावजूद सीएम कमलनाथ का कहना है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने विधायकों जारी किया व्हिप
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को व्हिप जारी कर अपने सभी विधायकों को 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में आवश्यक रूप से रोजाना उपस्थित रहने और मतदान की स्थिति में सरकार के पक्ष में अपना मत देने के लिए कहा है।

कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने पार्टी की ओर से तीन लाइन का एक व्हिप जारी करके विधायकों को पाबंद किया है, ताकि वे बजट सत्र की गंभीरता को समझते हुए सदन में उपस्थित रहें और कांग्रेस सरकार का समर्थन करें। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू होना है।
अल्‍पमत में है कमलनाथ सरकार
कांग्रेस के दिग्‍गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद राज्‍य में सियासी समीकरण बदल गए हैं। सिंधिया के इस्‍तीफे के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्‍तीफा दे दिया। कांग्रेस के ये विधायक पहले से ही कर्नाटक में बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में डेरा डाले हुए थे। अब विधानसभा अध्‍यक्ष एनसी प्रजापति ने उन्‍हें नोटिस जारी कर 15 मार्च तक पेश होने के लिए कहा है। 

सरकार पर संकट के बीच कांग्रेस ने अपने बाकी विधायकों को जयपुर भेज दिया है। 22 विधायकों के अल्‍पमत में आ जाने के बावजूद सीएम कमलनाथ का दावा है कि उनकी सरकार को कोई संकट नहीं है। उन्‍होंन बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्‍त का आरोप भी लगाया। उन्होंने आगामी विधानसभा सत्र के दौरान बहुमत परीक्षण के लिए तैयार रहने की बात कही है। लेकिन बीजेपी 16 मार्च से पहले ही बहुमत परीक्षण कराने की मांग कर रही है।
यहां उल्‍लेखीय है कि कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया को पार्टी ने राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।

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