गुवाहाटी I असम के गुवाहाटी में एक निजी अस्पताल के ऐनेस्थेटिस्ट ने कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन लिया था। रविवार को इस डॉक्टर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मरने से पहले डॉक्टर ने अपने एक सहकर्मी डॉक्टर को वॉट्सऐप ग्रुप में मेसेज भेजा था। इस मेसेज में उसने लिखा कि दवा लेने के बाद उसे कुछ प्रॉब्लम हो रही है।

आपको बता दें कि यह वही दवा है जो देश के अन्य जगहों पर भी डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने के लिए दी जा रही है। उत्पलजीत बर्मन (44) ने प्रत्यूषा अस्पताल में ऐनेस्थेटिक्स टीम का नेतृत्व किया था। बीते रविवार को घर पर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। मौत के लगभग आधे घंटे पहले उन्होंने वॉट्सऐप ग्रुप पर एक संदेश भेजा था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
इसमें उन्होंने लिखा, 'एचसीक्यूएस (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन) प्रोफिलैक्सिस (रोग से बचाने की कार्रवाई) के रूप में अच्छा नहीं है। बहुत सारे मुद्दे हैं। मुझे लगता है कि इसे लेने के बाद मुझे कुछ समस्याएं हो रही हैं।'

हालांकि, यह अभी तक साफ नहीं है कि क्या दवा के कारण उसे सीधा साइड इफेक्ट हुआ या उनकी मौत का कोई और कारण था। गुवाहाटी के आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ स्वरूप ज्योति सैकिया ने कहा, 'पोस्टमॉर्टम के बिना कोई भी व्यक्ति बर्मन की मृत्यु के बारे में स्पष्ट नहीं कह सकता है, लेकिन यह एक चिंता का विषय है।' डॉक्टरों ने कहा कि वे इस मामले की पूरी जांच करेंगे।

दूसरे डॉक्टर भी ले रहे ये दवा!
प्रत्यूषा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक निर्मल हजारिका ने कहा कि उन्होंने भी इस दवा को लिया है। न केवल डॉक्टर बर्मन, बल्कि अन्य डॉक्टर भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ले रहे हैं। बर्मन की मौत हार्ट अटैक से हुई है। मलेरिया रोधी दवा का उपयोग आमतौर पर गठिया के इलाज के लिए किया जाता है।
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