नई दिल्ली। अमेरिका, जापान समेत अन्य देश अपने कारखाने चीन से बाहर लाने की जो तैयारी कर रहे हैं वह भारत के लिए एक सुनहरा मौका है। भारत सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए तीन सप्ताह के जिस लॉकडाउन की घोषणा की थी उसकी समय सीमा खत्म होने के पहले ही उसे बढ़ाने की मांग तेज हो गई। ओडिशा, पंजाब आदि कुछ राज्य सरकारों ने तो अपने-अपने यहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ा भी दी। प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी कई मुख्यमंत्री इस पक्ष में रहे कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जाए। मौजूदा हालात भी इसकी जरूरत रेखांकित कर रहे हैं। 

तब्लीगी जमात वालों के गैर जिम्मेदाराना रवैए से बढ़े कोरोना संक्रमित 

प्रधानमंत्री ने जब लॉकडाउन की घोषणा की थी तब देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या पांच सौ के करीब थी, लेकिन अब वह आठ हजार पहुंच रही है। इसकी एक बड़ी वजह तब्लीगी जमात वालों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार रहा। आंकड़े बता रहे कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या एक अप्रैल के बाद तेजी से बढ़ी। ज्ञात हो कि इसी समय तब्लीगियों को दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उनके मरकज से बाहर निकाला गया था। उन्हें खुद को अलग- थलग रखने की हिदायत दी गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इन्कार करने के साथ ऐसी हरकतें कीं जिससे संक्रमण तेजी से फैला। दुख, शर्म और चिंता की बात यह है कि तब्लीगियों के छिपने, असहयोग का सिलसिला अभी भी कायम है।


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