नई दिल्ली. भारत समेत दुनिया के तमाम शक्तिशाली देश इस वक्त कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. करीब 60 nm यानी 60 नैनोमीटर के इस वायरस ने पूरी दुनिया को घुटनों पर ला दिया है. ये जानलेवा वायरस इतना छोटा होता है कि पेन के एक नुक्ते या बिंदी में हज़ारों लाखों कोरोना वायरस समा सकते हैं. ऐसे में अगर ये वायरस दोबारा लौट कर आया, तो आप समझ सकते हैं कितनी तबाही मचाएगा.
दरअसल, चीन और दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के दोबारा लौटने के मामले सामने आए हैं. दोनों देशों में कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों में कुछ दिनों बाद फिर से लक्षण दिखने लगे. फिर उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई. कोविड-19 का केंद्र रहे चीन के वुहान से बीमारी खत्म करने के बाद सोमवार को 89 नए केस मिले हैं. ये वो लोग हैं, जो पहले बिल्कुल ठीक हो गए थे और कुछ दिनों बाद फिर से कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
इसी तरह दक्षिण कोरिया में भी मरीज दोबोरा कोविड-19 संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. यहां 91 लोग दोबारा कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, यहां करीब 8 हजार लोगों को कोरोना से ठीक करने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. ऐसे में डॉक्टर भी परेशान हैं, क्योंकि अगर इनमें भी कोरोना का वायरस लौट आया, तो उसके बाद हालात को काबू नहीं किया जा सकेगा.
ऐसे मरीजों में पहले से नहीं दिखते लक्षण
हैरान करने वाली बात ये है कि जो मरीज दोबारा से कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें लक्षण पहले से दिखे ही नहीं. अभी तक कोरोना संक्रमित में बुखार, सूखी खांसी, जुकाम और जोडो़ं में दर्द, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखते हैं; दोबारा संक्रमित होने वाले मरीजों में ऐसे कोई लक्षण दिखते ही नहीं. मरीज़ को दोबारा संक्रमित होने का अंदाजा तब लगता है जब या तो उसका दोबारा टेस्ट किया जाए या फिर उसे सांस लेने में बहुत दिक्कत हो रही हो. ये इस महामारी से संक्रमित होने का लास्ट स्टेज कहा जाता है.
भारत में भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
ठीक हो चुके मरीज के दोबारा संक्रमित होने के मामले भारत में भी सामने आ चुके हैं. उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर यानी नोएडा जिले के दो मरीजों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद भी उन्हें दोबारा संक्रमण हुआ है. उन्हें दोबारा ग्रेटर नोएडा के 'जिम्स' में भर्ती कर लिया गया है. दोनों मरीजों के सैंपल लेकर चौथी बार जांच के लिए भेजा गया है. डॉक्टर इस स्थिति को देखकर असमंजस में हैं. इसके कारणों की जानकारी भी जुटा रहे हैं.
क्यों हो रहा है ऐसा?
डॉक्टर और वैज्ञानिक ये पता कर रहे हैं कि क्या इन मरीज़ों पर कोरोना ने डबल अटैक किया. या फिर ये किसी और वजह से इससे दोबारा संक्रमित हो गए.जानकार मान रहे हैं कि दो बार जांच में निगेटिव आने के बाद फिर पॉजिटिव आने का मतलब शरीर में वायरस का दोबारा एक्टिव होना है.
एक बार अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मरीज को दोबारा कोरोना हो सकता है या नहीं. इसके पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बयान दिया है कि ठीक होने के बाद भी कोरोना का संक्रमण दोबारा फैल सकता है. ऐसे में संक्रमण खत्म होने के 2 हफ्ते तक आइसोलेशन की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. फिलहाल, 24 घंटे में दो बार जांच निगेटिव मिलने के बाद मरीज को घर भेज दिया जा रहा है.
कोरोना का अभी तक नहीं मिला वैक्सीन और न इलाज
जानलेवा कोरोना का अब तक कोई वैक्सीन या इलाज नहीं मिल पाया है. हालांकि, कई देशों के वैज्ञानिक इसपर तेजी से काम कर रहे हैं. अमेरिका ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन का टेस्ट करना शुरू कर दिया है. यह इतिहास में सबसे कम समय में तैयार हुई वैक्सीन है.
बरतें ये सावधानियां
>>कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को समय-समय पर सैनिटाइजर से साफ करते रहे.
>>खाने से पहले, खाने के बाद हाथ अच्छे तरह से धुलना जरूरी है.
>>छींक या खांसी आने पर नाक-मुंह में रुमाल रखें या टिश्यू का इस्तेमाल करें. इसके बाद उसे तुरंत डिस्पोज़ कर दें.
>>ऐसे किसी व्यक्ति जिसे खांसी या जुकाम हो या जो कोरोना का संदिग्ध लगे, उससे दूरी बनाकर रखना भी बेहद जरूरी है.
>>अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में या कहीं बाहर से आए हैं तो टेस्ट कराना अनिवार्य है.
>>मोबाइल फोन, टेबल टॉप समेत घर, ऑफिस की सफाई का खास ख्याल रखना होगा. अस्पताल वगैरह भी जा रहे हैं तो रेलिंग को मत टच करें.
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