नई दिल्ली: भारत में कोरोना के मामलों की रफ्तार एक बार फिर तेज गति से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समीति की सदस्य रह चुकी अर्थशास्त्री प्रोफेसर शामिका रवि के मुताबिक, कोरोना के बढ़ते मामलों की रफ्तार अब 6.6 हो गई है जबकि यही रफ्तार 2 मई को 4.8 थी और मामलों को दोगुना होने में 15 दिन लग रहे थे।
हर रोज कोरोना के मामलों को लेकर ट्वीट्स और ग्राफिक्स के जरिए जानकारी देने वाली शामिका के मुताबिक, सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति बंगाल, महाराष्ट्र गुजरात दिल्ली और तमिलनाडु से सामने आ रहे हैं। इन राज्यों में कोरोना की रफ्तार पहले से काफी तेज हो चुकी है और मौत के आंकड़ों में भी बढोत्तरी हो रही है। प्रोफेसर रवि के मुताबिक इन जगहों पर कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग को लेकर कोई खास रणनीति नहीं है।
इन राज्यों की स्थिति चिंताजनक
टेस्टिंग की अलग-अलग दरों की ओर इशारा करते हुए, प्रोफेसर शामिका ने केरल के कासरगोड का उदाहरण देते हुए बताया कि वहा 20 हजार लोगों के सैंपल लिए गए और 100 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले बकि मुंबई में केवल 6 हजार सैंपल लिए गए और 100 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले। रवि के मुताबिक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना की दूसरी वेव है, जोकि काफी खतरनाक है क्योंकि इन राज्यों में पहले से ही कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं।
महाराष्ट्र के हालात बेहद खराब
महाराष्ट्र के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताते हुए प्रोफेसर शामिका बताती है कि महाराष्ट्र बुरी तरह से फेल हो रहा है जो चिंता का कारण है क्योंकि इससे देश के औसत पर फर्क पड़ेगा। प्रो. रावी के मुताबिक यहां कॉन्ट्रेक्ट ट्रैसिंग करने की बेहद जरूरत है। इससे पहले महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ जिलों में कोविड-19 के मरीजों में अधिक मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को राज्यों से कहा कि वे प्रारंभिक निगरानी, संपर्कों का तेजी से पता लगाने और शुरू में ही रोग निदान जैसे कदमों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इन क्षेत्रों में मौत के मामलों में कमी आ सके।
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