नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चोरी हो चुके मोबाइल फोन्स को ट्रैक करना और पहचान करना मुश्किल हो गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस को पता चला है कि भारत में 13,000 से अधिक मोबाइल हैंडसेट्स एक ही IMEI नबंर पर चल रहे हैं. मेरठ पुलिस ने एक मोबाइल फोन निर्माता कंपनी और उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ इस संबंध में FIR दर्ज किया है.
कैसे सामने आया मामला?
यह मामला तब सामने आया जब एक पुलिसकर्मी ने अपना मोबाइल फोन साइबर क्राइम सेल के एक स्टाफ को जांच के लिए दिया. मेरठ SP (City) अखिलेश एन सिंह ने बताया कि एक नया फोन ढंग से काम नहीं कर रहा था, जिसके बाद साइबर क्राइम के एक स्टाफ को यह फोन जांच के लिए दिया गया. रिपेयर के बाद भी यह ठीक से काम नहीं कर रहा था.
गंभीर हो सकता है मामला
मेरठ के एसपी सिटी ने बताया कि साइबर सेल को जांच में पता चला है करीब 13,500 से अन्य मोबाइल फोन्स भी एक ही IMEI नंबर पर चल रहे हैं. उन्होंने इस मामले को सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद गंभीर बताया है.
जांच में जुटी एक्सपर्ट की टीम
प्रत्यक्ष तौर पर यह मोबाइल फोन निर्माता कंपनी की लापरवाही का मामला है. क्रिमिनल्स इसका दुरुपयोग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित कानूनी प्रावधान के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और एक्सपर्ट की टीम को पूरी जांच के लिये बुलाया गया है.
पिछले साल भी मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था. यहां पुलिस को पता चला कि एक लाख से ज्यादा स्मार्टफोन्स एक ही आईएमईआई नंबर पर चल रहे हैं.
गलत IMEI पर 3 साल की जेल का प्रावधान
इंटरेनशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी नंबर (IMEI) एक 15 डिजिट का कोड होता है जो कि हर मोबाइल फोन के लिए अलग होता है. 2017 में, टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक नाटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सभी स्मार्टफोन्स में एक यूनिक IMEI नंबर होना चाहिए. इसमें कोई भी गलती या बदलाव करने पर 3 साल तक जेल हो सकती है.
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