कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सुनील केदार (Sunil Kedar) और तीन अन्य को बिजली कंपनी के अधिकारियों पर हमले के आरोप में महाराष्ट्र के नागपुर जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को एक-एक साल कैद सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों पर 14-14 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. मामले की सुनवाई करने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मंगला मोटे ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 353 यानी सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने और आपराधिक नीयत से बल  प्रयोग करने का दोषी पाया था. 

ये है मामला

दरअसल,  2017 में महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) के अधिकारियों और किसानों के बीच नागपुर जिले के एक गांव में ट्रांसमिशन लाइन बिछाने को लेकर विवाद हुआ था. इस दौरान विवाद सुलझाने के लिए विधायक केदार अपने समर्थकों के साथ गांव पहुंचे थे. हालांकि, मामला तब और बढ़ गया, जब विधायक ने MSEDCL के अधिकारियों के साथ मारपीट की.

फैसले से कोर्ट ने दिया यह संदेश

घटना के बाद महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) के पीड़ित अधिकारियों ने केलवाड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करा दिया था. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया था. इसी मामले में 5 वर्ष बाद अब कोर्ट ने आरोपियों को उनके कृत्य के लिए सजा सुनाई है. कोर्ट के इस फैसले से जहां विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों संतोष जताया है. वहीं, आरोपियों को भी यह संदेश गया है कि कानून सबके लिए बराबर. अगर कोई भी कानून को अपने हाथ में लेगा, तो उन्हें उनके किए की सजा जरूर मिलेगी. गौरतलब है कि ऐसे फैसलों से लोगों का अदालत पर भरोसा बढ़ता है कि उनके साथ भी न्याय होगा.

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