2019 में सभी को चौंकाते हुए अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस से हाथ मिला लिया था और सरकार बन गई थी. हालांकि ये सरकार ज्यादा देर तक नहीं चली और 80 घंटे बाद ही गिर गई.



 महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता गिरीश महाजन ने सोमवार को कहा कि 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  प्रमुख शरद पवार की ‘गुगली’ थी. विधानसभा चुनावों के बाद 2019 में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन टूटने के बाद फडणवीस और अजित पवार ने सभी को चौंकाते हुए सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया था, लेकिन यह सरकार 80 घंटे बाद ही गिर गई.

महाजन ने नासिक में कहा, ‘‘2014 के बाद महाराष्ट्र में कई राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली और उनमें एनसीपी की अहम भूमिका थी. 2019 के चुनावों के बाद अजित पवार का शपथ ग्रहण तय था और इसमें शरद पवार की अहम भूमिका थी. शरद पवार इससे इनकार नहीं कर सकते.’’

महाजन ने दावा किया कि एनसीपी प्रमुख ने बीजेपी को समर्थन का आश्वासन दिया था और 2019 के राज्य चुनावों के बाद दिल्ली में चार बैठकों में भाग भी लिया था. महाजन ने दावा किया, ‘‘सुबह शपथ ग्रहण समारोह के बाद शरद पवार ने कहा कि यह बीजेपी की चाल थी लेकिन यह उनकी अपनी गुगली थी. ऐसे काम करने की उनकी परंपरा रही है.’’

हालांकि अब अजित पवार बीजेपी और एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ मिलकर सरकार में शामिल हैं. अजित पवार और उनके साथ विधायकों ने शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का फैसला किया था. 2 जुलाई को अजित पवार अपने सर्मथक विधायकों ने शिंदे सरकार में शपथ ली थी. बाद में अजित पवार को महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया. वो राज्य के डिप्टी सीएम भी हैं. अजित पवार महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की सरकार में भी वित्तमंत्री ही थे. अजित पवार के साथ कुल नौ विधायकों को महाराष्ट्र की सरकार में मंत्री बनाया गया था.

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