मुंबई में कई ऐसे दुर्गा पंडाल हैं जिसकी खूबसूरती देखकर आपको यकीन नहीं होगा. हर मुंबईवासी को इस दुर्गा पंडाल में जरूर जाना चाहिए.

दुर्गा पूजा के दौरान अगर आप कोलकाता नहीं जा सकते तो कोई बात नहीं. हम आपको मुंबई में ही ऐसे दुर्गा पंडाल के बारे में बतायेंगे जहां आपको घर जैसा अहसास होगा. सभी लोग 20 अक्टूबर को महाषष्ठी से 24 अक्टूबर को महादशमी तक मां दुर्गा का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. यहां अलग-अलग थीम पर पंडाल बनते हैं. यहां आप करीब से बंगाली संस्कृति और परंपरा का अनुभव कर सकते हैं और स्वादिष्ट बंगाली भोजन का आनंद ले सकते हैं. आइये इन दुर्गा पंडालों पर एक नजर डाल लेते हैं.

द बंगाल क्लब, शिवाजी पार्क
शिवाजी पार्क में स्थित बंगाल क्लब, 1922 से दुर्गा पूजा की मेजबानी कर रहा है, और 2.5 एकड़ में फैला पंडाल, विभिन्न प्रकार के स्टालों की मेजबानी करता है. यहां लोग स्वादिष्ट भोजन, फैशन के सामान और कलाकृतियां का खूब आनंद उठाते हैं. सुबह की पूजा पारंपरिक बंगाली रीति-रिवाजों के अनुसार होती है. कई तरह की प्रतियोगिताओं होती हैं. पंडाल में सालाना 200,000 से अधिक श्रद्धालु आते हैं. भक्तों को भोग परोसा जाता है, जिसमें पारंपरिक बंगाली व्यंजन जैसे खिचड़ी, लब्दा (एक मिश्रित सब्जी पकवान), बेगुनी भाजा, पेयेश और बहुत कुछ शामिल हैं.

बम्बई दुर्गाबाड़ी समिति
दक्षिण बॉम्बे में बॉम्बे दुर्गा बाड़ी समिति, मुंबई में पहले दुर्गा पूजा समारोहों में से एक, जो 1930 में शुरू हुई थी, अपने 94वें वर्ष में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है. जैसा कि हर साल की परंपरा है, इस साल तेजपाल हॉल में पूजा पंडाल एक बार फिर एक विशिष्ट थीम के साथ भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देगा. इस वर्ष के पूजो उत्सव के लिए चुनी गई थीम "ओड टू फोक आर्ट" है और इसमें लोक कला के पारंपरिक रूप 'पटचित्र' का मनमोहक प्रदर्शन होगा.

नवी मुंबई बंगाली एसोसिएशन, सेक्टर 6, वाशी, नवी मुंबई
नवी मुंबई बंगाली एसोसिएशन अपने विस्तृत और विविध थीम वाले पंडालों के लिए प्रसिद्ध है. पंडाल पूजा के साथ-साथ कई सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन करता है. पूजा के दौरान, एसोसिएशन महाभोग नामक एक भव्य दावत का आयोजन करता है, जिसमें पारंपरिक और प्रामाणिक बंगाली व्यंजन पेश किए जाते हैं.

नॉर्थ बॉम्बे सर्बोजनिन दुर्गा पूजा समिति, जुहू
नॉर्थ बॉम्बे सर्बोजनिन दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित नॉर्थ बॉम्बे सर्बोजनिन दुर्गा पूजा, मुंबई के सबसे पुराने पूजा समारोहों में से एक है. 1948 में पद्दमश्री शशधर मुखर्जी द्वारा शुरू किया गया यह आयोजन अब 'मुखर्जी दुर्गा पूजा' के नाम से प्रसिद्ध है. बॉम्बे सर्बोजनिन उत्सव में कई बॉलीवुड हस्तियां जैसे रानी मुखर्जी, काजोल, अयान मुखर्जी, तनुजा, अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के साथ-साथ कई टेलीविजन हस्तियां भी शामिल होती हैं. पूजा के दौरान, समिति विशेष रूप से कोलकाता से मंगवाई गई देवी दुर्गा की पर्यावरण-अनुकूल मूर्ति का सम्मान करती है.

लोखंडवाला दुर्गोत्सव
लोखंडवाला पूजा की परंपरा 1996 में अंधेरी में रहने वाले बंगाली परिवारों द्वारा शुरू की गई थी. उनका मुख्य उद्देश्य अपने बंगाली रीति-रिवाजों और विरासत को संरक्षित करना था. वर्तमान में, अभिजीत भट्टाचार्य लोखंडवाला दुर्गा पूजा के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे स्थानीय लोगों के बीच इस आयोजन को 'अभिजीत दुर्गा पूजा' उपनाम मिलता है. लोखंडवाला दुर्गोत्सव पंडाल बहुत बड़ा है और हर साल कई बॉलीवुड हस्तियों की मेजबानी करता है.

पवई दुर्गोत्सव
पवई सार्वजनिन दुर्गोत्सव मां दुर्गा से आशीर्वाद लेने और अपने दोस्तों और परिवार के साथ त्योहार का आनंद लेने के लिए एक और शानदार जगह है. पूजा पंडाल की थीम "डिवाइन इनिंग्स" है जो क्रिकेट और दुर्गोत्सव उत्सव के मिश्रण का एक अनूठा अनुभव देगी. नटमंच को लॉर्ड्स स्टेडियम की प्रतिकृति के रूप में बनाया जा रहा है, जहां भारत ने 1983 में पहला विश्व कप जीता था.

चेंबूर
यहां आपको पूजा पंडाल, अनोखी थीम, खाने के स्टॉल और शाम को संगीत कार्यक्रम पसंद पसंद आएगा. इस वर्ष, पंडाल कुलो (विन्नो), हाथ पाखा (ताड़ के पत्ते के पंखे), टेराकोटा और बंगाल की कई अन्य प्रामाणिक ग्रामीण वस्तुओं से बनाया जाएगा.

न्यू बंगाल क्लब, ठाणे
ठाणे में न्यू बंगाल क्लब उपनगर में एक लोकप्रिय दुर्गा पूजा पंडाल है. शानदार थीम और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर स्वादिष्ट भोग और भोजन स्टालों तक, आपके पास सब कुछ है. इस वर्ष, क्लब अपनी अनूठी थीम, "मुंबई मेरी जान" के साथ भक्तों को आश्चर्यचकित करने जा रहा है, जिसमें वे सीएसटी में स्थित प्रतिष्ठित बीएमसी मुख्यालय भवन का निर्माण कर रहे हैं.

दुर्गा पूजा 2023 का शेड्यूल
20 अक्टूबर (शुक्रवार)- महा षष्ठी
21 अक्टूबर (शनिवार) - महा सप्तमी
22 अक्टूबर (रविवार) - महा अष्टमी
23 अक्टूबर (सोमवार) - महानवमी
24 अक्टूबर (मंगलवार)- बिजय दशमी

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