अजित पवार के खिलाफ पूर्व IPS अधिकारी के दावे पर देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा?

 महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि उन्हें पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर द्वारा अपनी किताब में पुणे के एक भूखंड के बारे में उनके कैबिनेट सहयोगी और एनसीपी नेता अजित पवार के खिलाफ किए गए सनसनीखेज दावे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. राज्य के गृह विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे फडणवीस ने नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने बोरवणकर की किताब ‘मैडम कमिश्नर’ नहीं पढ़ी है.

पुणे में एक प्रमुख जगह पर स्थित भूखंड के बारे में बोरवणकर के दावे को लेकर पूछे गये सवाल पर फडणवीस ने कहा, ‘‘मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैंने किताब नहीं पढ़ी है.’’

कौन थीं बोरवणकर?
बोरवणकर 2010 से 2012 तक पुणे की पुलिस आयुक्त थीं. उन्होंने अपनी किताब में दावा किया है कि 2010 में तत्कालीन ‘जिला मंत्री’ ने इस बात पर जोर दिया था कि वह पुणे में पुलिस विभाग के नीलाम किये गये एक भूखंड को ज्यादा बोली लगाने वाले को सुपुर्द करने की प्रक्रिया शुरू करें. बोली लगाने वाले को बाद में सीबीआई ने 2जी घोटाले में आरोपी बताया था.

किताब में किया गया ये दावा
किताब के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि पुलिस विभाग के लिए नये कार्यालयों और आवासीय भवनों के निर्माण के लिए इस जमीन का उपयोग किया जाएगा. उस समय पुणे जिले के प्रभारी मंत्री अजित पवार थे और राज्य में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार थी.

क्या बोले देवेंद्र फडणवीस?
पवार गत दो जुलाई को वर्तमान भाजपा-शिवसेना सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में शामिल हुए. मादक पदार्थ मामलों के आरोपी ललित पाटिल के इस महीने की शुरुआत में पुणे के सरकारी ससून अस्पताल में उपचार के दौरान हिरासत से भाग जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर फडणवीस ने कहा कि उसे जल्द पकड़ लिया जाएगा. इससे पहले आज दिन में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार (कांग्रेस) ने यहां मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे कई लोग पाटिल को भगाने और उसके मादक पदार्थ गिरोह में संलिप्त रहे हैं.

गत 30 सितंबर को, पुणे पुलिस के मादक पदार्थ रोधी प्रकोष्ठ ने ससून अस्पताल के बाहर से 2 करोड़ रुपये मूल्य के दो किलोग्राम मेफेड्रोन के साथ सुभाष मंडल नामक व्यक्ति को पकड़ा था. मंडल ने पुलिस को बताया था कि उसे अस्पताल की कैंटीन के एक कर्मचारी रऊफ शेख के माध्यम से पाटिल से यह नशीला पदार्थ मिला था.

 

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