सोनिया गांधी ने लोकसभा में इमरजेंसी पर मोदी सरकार के प्रस्ताव को लेकर भी जवाब दिया. सोनिया ने कहा, 1977 के चुनाव में लोगों ने इमरजेंसी पर अपना फैसला सुना दिया, जिसे बेझिझक स्वीकार किया गया. लेकिन तीन सालों के भीतर कांग्रेस को इतना बड़ा बहुमत मिला, जिसे पीएम मोदी की पार्टी (बीजेपी) अब तक हासिल नहीं कर पाई.
पीएम मोदी ने जनादेश नहीं समझा- सोनिया
सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव नतीजे पीएम मोदी के लिए निजी, राजनीतिक और नैतिक हार का संकेत है. जनादेश ने नफरत और विभाजनकारी राजनीति को खारिज किया है. लेकिन पीएम का व्यवहार ऐसा है जैसे कुछ बदला ही ना हो! वो आम सहमति का उपदेश देते हैं लेकिन टकराव को बढ़ावा देते हैं. लगता ही नहीं कि उन्होंने जनादेश को समझा है.
सोनिया ने कहा, "डिप्टी स्पीकर पद को लेकर विपक्ष की मांग को मंजूर नहीं किया गया. पीएम, उनकी पपार्टी द्वारा इमरजेंसी को खोद कर निकाला गया. इसमें स्पीकर भी शामिल थे, जिस पद को तटस्थता के लिए जाना जाता है. इन सब से आपसी सम्मान और एकसाथ की एक नई शुरुआत की उम्मीदें धुल गई हैं."
चुनाव प्रचार में पीएम ने मर्यादा को नजरंदाज किया- सोनिया
सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी मर्यादा और जिम्मेदारी को नजरंदाज कर सांप्रदायिक झूठी बातें फैलाई.उनके शब्दों ने सामाजिक तानेबाने को काफी नुकसान पहुंचाया है.
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