लखनऊ। बीटीसी 2014 बैच के प्रशिक्षुओं का परिणाम आने के बाद बहुत से प्रतीक्षओं का चतुर्थ सेमेस्टर में दुर्भाग्यवश बैक आ जाने के कारण उन प्रशिक्षु का भविष्य अंधकार में डूबता हुआ नजर आ रहा है ।
तो वहीं अवशेष प्रशिक्षु भी इसी श्रेणी में शामिल हैं ।
जिनका अभी तक चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा ही नही हुआ है।
अर्थात चतुर्थ सेमेस्टर में बैक प्रशिक्षु और अवशेष प्रशिक्षओंका भविष्य गर्त में रहा है।
 इन प्रशिक्षुओं का बीड़ा बीटीसी संघर्ष मोर्चा बैच- 2014  के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता ने उठाया है।
निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद निशातगंज लखनऊ से मिलकर यह मामला उठाया और प्रशिक्षुओं के डूबते हुए भविष्य को सँवारने के लिए निवेदन कर सूझबूझ से एक अच्छा और उचित निर्णय की बात कही।
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा निदेशक को ज्ञपान देकर
चतुर्थ सेमेस्टर बैक/अवशेष प्रशिक्षुओं का बैक की परीक्षा समय रहते संपन्न कराकर लिखित परीक्षा में शामिल करने की अपील की है।
जिससे प्रशिक्षु आगामी 68500 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग कर सकें।
निदेशक के द्वारा मिले आश्वासन के बाद संगठन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज इलाहाबाद पहुंच कर सचिव डॉ सुत्ता सिंह से मिला ।
जहां पर मिलने के बाद आश्वासन दिया गया और यह आश्वासन का सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा।
मजबूर होकर प्रशिक्षुओं को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ा तब कहीं जाकर परीक्षा फार्म भरवाने की तिथि घोषित हो सकी।
अब मामला यह है कि परीक्षा फॉर्म तो भरना दिये गए हैं ।
किंतु अभी तक परीक्षा की तिथि नहीं घोषित की गई जिसमें यह सवाल उठना लाजमी है कि कहीं ऐसा ना हो कि यह सब प्रशिक्षु लिखित परीक्षा से वंचित ना रह जाए ।
क्योंकि सचिव द्वारा विज्ञाप्ति और लिखित परीक्षा संभावित तिथि घोषित कर दी गई है ।
ऐसे में सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है कि इन प्रशिक्षुओं का परीक्षा 25 जनवरी के बाद शुरू होगा ।
यदि ऐसा होता है तो इन सभी प्रशिक्षुओं का भविष्य अंधकार में डूब जाएगा और उनके साथ बहुत बड़ा धोखा होगा ।
जिस के संदर्भ में बीटीसी संघर्ष मोर्चा बीच 2014 के प्रदेश अध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग अपनी बात इस संदर्भ में निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद निशातगंज लखनऊ से 11 जनवरी 2018 को मुलाकात कर अपनी समस्या का समाधान करने की अपील करेंगे।
 और समय रहते अपने भविष्य को संवारने के लिए निदेशक से अनुनय-विनय किया करेंगे।
 जिससे प्रशिक्षुओं का भविष्य अंधकार में न डूबे।
  और 68500 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में ये सभी प्रशिक्षु प्रतिभा कर सकें।
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