नई दिल्ली I आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल अनिल बैजल के खिलाफ आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है. अनिल बैजल के कार्यालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 'धरने' का आज छठा दिन है. शुक्रवार को ही पार्टी नेताओं ने आंदोलन की रणनीति को लेकर बैठक की.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई इस बैठक में आप के वरिष्ठ नेताओं ने पीएमओ पर रविवार को आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई. पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर अनशनरत मुख्यमंत्री और मंत्रियों की मांगें नहीं मानी गयीं तो 17 जून को आप कार्यकर्ता पीएम आवास का घेराव करेंगे.
राजनाथ से मिले संजय सिंह
इससे पहले संजय सिंह ने शुक्रवार को तनाव खत्म करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. गृह मंत्री से मुलाकात करने के बाद संजय सिंह ने उम्मीद जताई कि आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रही तनातनी का 'सार्थक' समाधान ढूंढ लिया जाएगा. उन्होंने ट्वीट किया, 'गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद मुझे उम्मीद है कि दिल्ली के लोगों के हित में उपराज्यपाल सार्थक समाधान निकालेंगे.' साथ ही उन्होंने एलजी बैजल और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मुद्दों का समाधान करने के लिए वे 'चिंतित नहीं' हैं.
पीएम आवास पर भेजे राशन के पैकेट
सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए दिल्ली में सभी 70 सीटों के आप नेताओं ने प्रधानमंत्री आवास पर राशन के पैकेट भेजे और अपना विरोध दर्ज कराया. उनका इशारा एलजी बैजल द्वारा महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दिलाने की तरफ था ताकि लोगों के दरवाजे तक राशन भेजा जा सके. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर आप नेताओं ने पीएमओ पर आंदोलन करने की रणनीति बनाई. इस बैठक में आप के विधायक, पार्षद और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
बता दें कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येन्द्र जैन तथा गोपाल राय के साथ केजरीवाल बैजल के आवास पर धरने पर बैठे हैं. आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल और मंत्री केंद्र सरकार और उपराज्यपाल से आग्रह कर रहे हैं कि आईएएस अधिकारियों को निर्देश दें कि वे अपनी 'अवैध हड़ताल' खत्म करें.
आप क्यों कर रही है आंदोलन
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राशन योजना को लंबित करने के लिये इसे केन्द्र सरकार की पूर्व मंजूरी के लिये भेज दिया है. इस योजना को मंजूरी देने, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और दिल्ली सरकार के अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने की मांग को लेकर आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा मंत्री राजनिवास में छह दिन से अनशन कर रहे हैं.
'आप' से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इसे विरोध का तरीका बताते हुये कहा कि प्रधानमंत्री जी दिल्ली के निवासी है, उनके घर में राशन की कमी नहीं होनी चाहिए. इसलिये आज हम उनके घर चावल पहुंचा रहे हैं, आगे भी जरूरत का राशन उनके घर पहुंचा देंगे. उन्होंने बताया कि आप विधायक और कार्यकर्ता लिखकर प्रधानमंत्री मोदी से निवेदन भी कर रहे हैं कि दिल्ली के लोगों का राशन ना रोका जाये.
विपक्षी दलों का भी केजरवाल को समर्थन
आप के आंदोलन को तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी समर्थन दिया है. नायडू ने कहा कि केन्द्र में सत्तारूढ़ दल के फायदे के लिये राज्यपाल के कार्यालय का इस्तेमाल करने का प्रचलन संविधान की भावना के प्रतिकूल है. हम दिल्ली की निर्वाचित सरकार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हैं.
वहीं, झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली की जनता द्वारा अपने अधिकारों के लिए लड़ी जा रही लड़ाई को मेरा सलाम. जनता द्वारा चुनी आप सरकार को इस ढंग से बार-बार अपने अधिकारों के लिए सड़क पर आने को मजबूर करना कहां का लोकतंत्र है? केजरीवाल समेत जनता के इस संघर्ष में झारखण्ड उनके साथ खड़ा है.
आप का आरोप- पीएमओ के इशारे पर अधिकारी कर रहे काम
केजरीवाल के अनशन के जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय पर नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता सहित अन्य भाजपा विधायकों ने भी अनशन किया. बीजेपी के अनशन को आप ने अधिकारियों की हड़ताल के सच को छुपाने की साजिश करार दिया. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम पहले दिन से कह रहे हैं कि यह हड़ताल एक राजनैतिक साजिश है. आईएएस अधिकारियों की हड़ताल का बचाव भाजपा के विधायक और नेता कर रहे हैं. बात साफ है कि यह सब पीएमओ के इशारे पर और उपराज्यपाल के संरक्षण में हो रहा है.
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