पणजी I 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान की सीमा में घुस कर भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की प्रमाणिकता पर सवाल खड़ा करने को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री व गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि क्या कांग्रेस तब सर्जिकल स्ट्राइक पर विश्वास करती, जब सेना कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने साथ मिशन पर ले जाती.

लोकसभा चुनावों की तैयारी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि मैं सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीतिक लिहाज से नहीं बोल रहा हूं. विपक्षी पार्टियां क्या दावा करती हैं कि उन्होंने स्ट्राइक नहीं की? इनकी नकारात्मकता को देखिए. क्या मुझे आपको (विपक्ष) साथ ले जाना चाहिए था. मुझे सेना से कहना चाहिए था कि राहुल गांधी को साथ ले जाएं और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दें.

पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि इस तरह की सैन्य कार्रवाई व सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सबसे बड़ी बात गोपनीयता है. सिर्फ हम चार जानते थे. प्रधानमंत्री, मैं, सेना प्रमुख और सैन्य संचालन महानिदेशक.  हम चारों दिल्ली में थे और कोर कमांडर व सेना के कामांडर व जिन्होंने इसका क्रियान्वयन किया वे श्रीनगर में थे.


विपक्ष की नकारात्मक राजनीति की निंदा करते हुए पर्रिकर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों तक पहुंचने व सकारात्मक माहौल बनाने की अपील की. वहीं पर्रिकर ने यह भी कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तरह-तरह की सूचनाएं आती हैं. फेक न्यूज भी इन्हीं मे से एक है. हम देख रहे हैं कि फर्जी खबरों की वजह से देश में किस तरह की हिंसक घटनाएं हो रही हैं. चुनावों से पहले भी कई तरह की फर्जी खबरें फैलाई जाएंगी. लिहाजा बीजेपी कार्यकर्ताओं को इस तरह की फर्जी खबरों को लेकर आगाह और चौकन्ना रहने की आवश्यकता है. 
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