नई दिल्ली I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्यू इंडिया का सरोकार सवा सौ करोड़ भारतवासी हैं, लेकिन इसका आधार यंग इंडिया है. इन युवाओं की वो शक्ति है जो पुरानी व्यवस्थाओं की कार्य प्रणाली, पुराने तौर-तरीकों और पुरानी सोच के बोझ से मुक्त है.

न्यू इंडिया कनक्लेव में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो समय गुजर गया जब देश को कमजोर देशों में शुमार किया जाता था, आज हम दुनिया में सबसे तेज आर्थिक तरक्की करने वाले देश बन गए हैं. यह सब कुछ 125 करोड़ भारतीय नागरिकों की वजह से हुआ है, हम इससे भी आगे जाएंगे. न्यू इंडिया के निर्माण में सवा सौ करोड़ भारतीयों का योगदान है और इसका आधार युवा भारत है.

उन्होंने कहा कि ये वो नौजवान वर्ग है जिसने व्यवस्थाओं को बदलने के लिए प्रेरित किया है. युवाओं का यही समूह आज उभरते भारत की पहचान बना रहा है. कुछ लोग परिवर्तन के लिए मौसम बदलने का इंतजार करते हैं, लेकिन कुछ लोग परिवर्तन का संकल्प करके मौसम बदल दिया करते हैं. आप इंतजार करने वाले नहीं, मौसम बदलने वाले नौजवान हैं क्योंकि आपके पास बदलाव लाने वाला मन है. कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं, मन चाहिए, इच्छाशक्ति चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस देश में इतनी अपार युवा शक्ति हो, उससे किसी को भी ईर्ष्या हो सकती है. इसलिए मैं मानता हूं कि आपने इस कार्यक्रम की बहुत सटीक टैगलाइन चुनी है- 'अब हमारी बारी है.'
दिल्ली में आयोजित समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस समय हमारा देश परिवर्तन के महत्वपूर्ण कालखंड से गुजर रहा है। पिछले चार साल में आपने भी महसूस किया है कि कैसे देश 21वीं सदी में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है.'

मोदी ने एक बार फिर नेहरू-गांधी परिवार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'एक जमाना था जब शासन सिर्फ राज परिवारों का रहता था. स्वतंत्रता के बाद नई तरह के राज परिवार पैदा हुए, स्वतंत्रता की राजनीति में भी तीन-तीन पीढ़ियों तक लोग राज करते रहे. शासन कुछ परिवारों के ही नियंत्रण में रहा. लेकिन आज स्थितियां बदल चुकी हैं.'

उन्होंने जब नेहरू-गांधी परिवार पर अप्रत्यक्ष तरीके से निशाना साधा तो वहां उपस्थित लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए. इस दौरान उन्हें अपना भाषण कुछ देर के लिए रोकना भी पड़ा था.
नेहरू-गांधी युग के खात्मे और देश के वर्तमान स्तर पर बोलते हुए मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मैं खुद, ग्रामीण परिवेश से, लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर इन स्थानों पर पहुंचे हैं. और ये बताता है कि किस तरह से देश का जन-मन बदला है.'

उन्होंने आगे कहा कि योगी आदित्यनाथ, बिप्लब देव, त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिवराज सिंह चौहान, नीतीश कुमार, मनोहर लाल खट्टर, रघुबर दास, ये बहुत ही सामान्य परिवारों से निकलकर इन पदों पर पहुंचे हैं. इन्होंने बहुत ही सामान्य जीवन जीया है, इसलिए आज भी ये हर गरीब के प्रति, उसकी समस्याओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील रहते हैं. इन्होंने अपना जीवन नौजवानों के बीच काम करते हुए, उनकी आशाओं -अपेक्षाओं के अनुरूप काम करते हुए खपाया है. वो समझते हैं कि न्यू इंडिया का नौजवान क्या चाहता है.
उन्होंने कहा कि छोटे शहरों के लोगों के बड़े सपने भी अब पूरे हो रहे हैं। ये बदलाव ही तो है जो न्यू इंडिया की पहचान बन रहा है.

नोटबंदी और जीएसटी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'हमने देखा है कि कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की कार्रवाई, और जीएसटी के बाद किस तरह रिकॉर्ड संख्या में लोग टैक्स देने के लिए आगे आ रहे हैं. ये बदले हुए वातावरण का प्रमाण है. '

हीमा दास की कामयाबी पर बोलते हुए कहा कि कई युवा देश के लिए पदक लेकर आ रहे हैं, उन्होंने न्यू इंडिया को चरितार्थ किया है.
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