नई दिल्ली I राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी का चेहरा बताने के 48 घंटे के अंदर ही कांग्रेस ने इस पर अपना रुख बदल लिया है. कांग्रेस ने कहा कि पीएम पद के लिए वह सहयोगी पार्टियों के नेताओं का समर्थन करने को तैयार है, बशर्ते वह उम्मीदवार आरएसएस समर्थित न हो.

पार्टी के टॉप सूत्रों ने बताया कि पीएम पद के लिए राहुल गांधी की उम्मीदवारी इस बात पर निर्भर करती है कि 2019 में पार्टी को कितनी सीटें मिलती हैं. बता दें कि रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि 2019 में राहुल गांधी पार्टी का चेहरा होंगे.

अब पार्टी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए वह क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में. दोनों ही राज्यों में गठबंधन कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है, पार्टी को यहां सपा, बसपा और राजद की शर्तें भी स्वीकार करनी होंगी.

उत्तर प्रदेश में जहां 80 लोकसभा सीटें हैं वहीं बिहार में 40 सीटें हैं. इस तरह दोनों राज्यों में लोकसभा की 22 प्रतिशत सीटें हैं.


सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री पद को लेकर राहुल गांधी खुद भी खासे फ्लेक्सिबल हैं और वह विपक्षी गठबंधन की किसी महिला उम्मीदवार के लिए खुद ही पीछे हटने के लिए तैयार हैं. कहा जा रहा है कि आरएसएस समर्थित व्यक्ति के अलावा वह किसी के भी प्रधानमंत्री बनने पर सहज हैं.
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