नई दिल्ली I दिल्ली सरकार की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने चर्चा की. इस दौरान विधायकों ने एक बार फिर बीजेपी शासित केंद्र सरकार के साथ-साथ एलजी पर सरकार के कामकाज में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है.  

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ज़िक्र करते हुए आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने कहा कि मोदी सरकार के 60 महीने जुमले बाजी में निकल गए लेकिन केजरीवाल सरकार के 60 महीने कोर्ट में खर्च हो रहे हैं.  
'आप' विधायक अलका लांबा ने सदन में कहा कि 2015 में केजरीवाल सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग शुरू हुई थी.  अधिकारियों पर कार्रवाई का एक पोस्टर भी सरकार ने जारी किया था लेकिन केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर दिल्ली सरकार से एसीबी छीन ली. ऐसा लगता है कि केंद्र की सरकार, बीजेपी अध्यक्ष, और प्रधानमंत्री को दिल्ली की हार का दुःख है. अलका लांबा ने एलजी पर भी निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि एलजी अपने काम नहीं करते लेकिन केजरीवाल सरकार के काम में अड़ंगा ज़रूर डालते हैं. एलजी साहब को सीसीटीवी की जरूरत महसूस नहीं होती है तो उन्हें सीसीटीवी कैमरे अपने घर के पास से भी हटा देना चाहिए. अलका लांबा ने आरोप लगाया कि एलजी गेस्ट टीचर की नियुक्ति पर फाइल दबाकर बैठे रहे और न्यूनतम मजदूरी के फैसले को पलट दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि घर-घर राशन पहुंचाने की फाइल रोक दी गई और साढ़े 3 साल तक दिल्ली के आम आदमी को परेशान किया गया.

अलका लांबा यहीं नहीं रुकी. उन्होंने पूरे मामले को 2019 के लोकसभा चुनाव से जोड़ दिया.  विधायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया की फाइल के लिए एलजी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.इस फैसले ने सरकार को बेनकाब कर दिया है.
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