कंगना रनौत और कंट्रोवर्सी का रिश्ता कुछ ज्यादा ही मजबूत है. कंगना कुछ कहती नहीं है कि विवाद खड़े हो जाते हैं. अब कुछ दिनों पहले कंगना ईशा फाउंडेशन के लीडर सदगुरु जग्गी महाराज से मिलने पहुंची थीं. यहां सदगुरु से उनकी लंबी बातचीत हुई. अलग-अलग मुद्दों पर हुई इस चर्चा में जब गाय का जिक्र हुआ तो कंगना ने कहा, 'अगर कोई धर्म गाय की पूजा करता है तो कोई भी उसे कैसे मार सकता है.'
कंगना के बयान की वजह से उनपर आरोप लगने लगे कि उन्होंने लिंचिंग को सही ठहराया है. और उदारवादियों का मजाक बनाया है. इस विवाद के बाद कंगना ने अंग्रेजी अखबार मिड डे से बात की. कंगना ने कहा कि ईशा फाउंडेशन के लीडर सदगुरु के सामने जो भी बातें हुई थीं वह आज भी उनपर कायम हैं.
कंगना ने कहा, हम लिंचिंग को किसी भी तरह से सामान्य नहीं कह रहे हैं. अगर कोई धर्म गाय की पूजा करता है, तो आप गोकशी कैसे कर सकते हैं. मैं शाकाहारी हूं और मैं कच्चा मीट नहीं देख सकती. मैं अपनी पसंद को लेकर शर्मिंदा नहीं हो सकती. अगर ये एक भावनात्मक पहलू है तो लोगों को क्यों भड़काएं.
उन्होंने कहा, कोई भी 'उदारवादी' विचारों पर अपनी बात रखते हुए कंगना ने कहा कि कोई भी उदारवादी चोले के पीछे रहकर लोगों की भावनाएं आहत नहीं कर सकता. भारत विविधताओं का देश है इसलिए सभी को इस भावना का खयाल रखना चाहिए.
कंगना ने कहा, आध्यात्मिकता आज की जरूरत है. दरअसल आइडिया ये था की जरूरी मुद्दों पर बात हो. इस देश में लोग कुपोषित हैं. शिक्षा तक उनकी पहुंच नहीं है. उनकी मूल जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रहीं. मुझे लगता है कि तथा-कथित उदारवादी लोग दुनिया के नजरिए से ही बंधे हुए हैं.
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